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बिहार कौशल विकास मिशन और प्रांजल के बीच हुआ समझौता, जलापूर्ति योजानाएं को रख रखाव के लिए होंगे प्रशिक्षण - Letter of agreement

पटना में पीएचईडी मंत्री रामप्रीत और श्रम संसाधन विभाग के मंत्री जीवेश कुमार के मौजूदगी में बिहार कौशल विकास मिशन और प्रशिक्षण शोध केंद्र के बीच समझौता पत्र हस्तांरित किया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रिशियन एवं पंप ऑपरेटर को प्रशिक्षित करना है ताकि जलापूर्ति योजानाएं की रखरखाव बेहतर हो सके.

समझौता पत्र
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Published : Mar 6, 2021, 2:29 AM IST

पटना: राजधानी पटना में पीएचईडी मंत्री रामप्रीत के समक्ष बिहार कौशल विकास मिशन और प्रशिक्षण शोध केंद्र के बीच समझौता पत्र हस्तांरित किया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य इलेक्ट्रिशियन एवं पंप ऑपरेटर को प्रशिक्षित करना है. इसके लिए 30 करोड़ रूपए व्यय होने की संभावना है. इस दौरान श्रम संसाधन विभाग के मंत्री जीवेश कुमार भी मौजूद रहे.

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प्लंबर इलेक्ट्रिशियन और पंप ऑपरेटर किया जाएगा प्रशिक्षण
श्रम संसाधन विभाग के मंत्री जीवेश कुमार ने बताया कि इसका उद्देश्य राज्य की 56 हजार 79 से अधिक वार्डों में हर घर नल का जल के तहत जलापूर्ति योजानाएं स्थापित की गई है और सभी वार्डो में पाइप जलापूर्ति से आच्छादित किए गए हैं. इसके बेहतर रखरखाव के लिए भविष्य में कुशल कार्य बल की आवश्यकता पड़ेगी. ऐसे में मुख्य रुप से प्लंबर इलेक्ट्रिशियन और पंप ऑपरेटर को प्रशिक्षित कर पटल पर लाए जाने की तैयारी हो रही है.

तीन महीने का होगा ट्रायल रन
पीएचईडी मंत्री रामप्रीत पासवान ने बताया कि जलापूर्ति योजना के निर्माण और तीन महीने के ट्रायल रन के बाद आगामी 60 महीने के योजनाओं के संचालन व रख-रखाव निर्माणकर्ता संवेदक एजेंसी करती है. इसके लिए एक पूर्णकालिक पंप ऑपरेटर और जरूरी आधारित प्लंबर इलेक्ट्रीशियन की सेवा एजेंसी द्वारा उपलब्ध कराई जाती है.

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30 करोड़ रूपए होगे खर्च
पीएचईडी के सचिव ने बताया कि इस कार्यक्रम में लाभार्थियों के चयन की जिम्मेदारी प्रांजल की होगी. जो अपने आवश्यकता के अनुरूप प्रशिक्षण के लिए बैच के निर्माण में सहायता करेगा. मालूम हो कि इस कार्यक्रम के तहत 44 हजार अभ्यर्थियों के लिए चरणबद्ध तरीके से 11 दिनों का प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा. जिसमें लगभग 30 करोड़ रूपए व्यय होने की संभावना है.

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