शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के फिर रामचरितमानस पर विवादित बोल पटना : बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंहने एक बार फिर विवादित बयान दिया है. चंद्रशेखर सिंह ने अपने पुराने बयान को दोहराते हुए कहा है कि मैं अपने बयान पर कायम हूं. दरअसल, बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर सिंह ने विवादित बयान दिए थे. रामचरितमानस को लेकर शिक्षा मंत्री ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. शिक्षा मंत्री की टिप्पणी पर जदयू, भाजपा समेत तमाम दलों ने ऐतराज जताया था. लेकिन एक बार फिर शिक्षा मंत्री के विवादित बोल सामने आए हैं, शिक्षा मंत्री ने कहा है कि मैं अपने स्टैंड पर कायम हूं. उन्होंने कहा कि रामचरितमानस में कुछ आपत्तिजनक शब्द हैं जिसे हटाए जाने की जरूरत है.
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'मानस का कचरा हटना चाहिए..': शिक्षा मंत्री ने कहा कि शुद्र को लेकर जो रामचरितमानस में लिखा गया है, वह आपत्तिजनक है. डॉक्टर लोहिया भी सुधार की वकालत करते थे. शिक्षा मंत्री ने कहा कि कोई भी मुझसे बहस करें मैं तैयार हूं. मैं जो कुछ कहता हूं उसके मेरे पास प्रमाण हैं. किसी की हिम्मत नहीं है कि रामचरितमानस पर उंगली उठा दे. लेकिन अब ऐसा नहीं है. 'शुद्र' पढ़ लिख गया है तो अब समझता है. उसे अपमानित और प्रताड़ित नहीं किया जा सकता. मानस में जो विवादित अंश है उसे हटा देना चाहिए.
'चैलेंज करने वाले कहां चले गए?': जब मीडियाकर्मियों ने पूछा कि क्या आप विवादित अंश को हटाएंगे? तो उन्होंने कहा कि मैं कैसे हटा सकता हूं. लेकिन जो उसमें कचरा है, उसे हटा देना चाहिए लेकिन ऐसा न हो कि कचरा हटाने में मोती भी बाहर चला जाए. लोहिया जी भी यही कहा करते थे. चंद्रशेखर सिंह ने चुनौती देने वालों को भी चैलेंज किया कि कई लोगों ने चर्चा की बात की थी. लेकिन आए नहीं. जिसको भी कुछ सवाल उठाना है तो मैं तैयार हूं. विधानसभा में सबका जवाब देने के लिए मैं खुद तैयार बैठा हूं.
''अभी तो मैने एक दो पंक्तियों को ही रेखांकित किया है. ऐसी दर्जनों लाइनें हैं जिन्हें हटा देना चाहिए. मानस में जो कचरा है उसे हटा देना चाहिए. आज 'शुद्र' पढ़-लिख गया है. वो जानता है कि भला-बुरा क्या है. हम ताड़ना का अर्थ समझते हैं. मैं आपसे हिन्दी नहीं सीखूंगा. 'ताड़ना' का अर्थ 'मारना' होता है. जो 'कचरा' है उसे हटाना जरूरी है. लोहिया जी भी यही कहा करते थे. वो हमारे महापुरुष हैं. ये मेरे शब्द नहीं हैं.''-चंद्रशेखर सिंह, शिक्षा मंत्री, बिहार