पटना: राजधानी पटना से सटे मसौढ़ी इलाके में नए धान की फसल तैयार होने के बाद यहां चूड़ा मिलो में अगहनी चूड़ा की कूटाई (Aghani Chuda Ready In Patna ) शुरू हो जाती है. इसी क्रम में इस वर्ष भी सर्दी का मौसम आते ही खेतों में नए धान की फसल की कटाई शुरू (Harvesting Of New Paddy Crop In Patna) हो चुकी है. जिससे चावल और अगहनी चूड़ा तैयार किया जा रहा है. दिन-रात चूड़ा मिलों में धान की कूटाई चल रही है.
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चूड़ा की सोंधी-सोंधी खुशबू से पूरा इलाका हुआ गुलजार:दरअसल सर्द के इस मौसम में नये धान तैयार होने के बाद किसान अगहनी चूड़ा की कुटाई में इन दिनों लगे हैं. पटना के ग्रामीण इलाकों के गांव में इन दिनों रात दिन चूडा मिलों में भट्टियों में आग धधक रही है और अगहनी चूड़ा की कुटाई हो रही है. अगहनी चूड़ा की सोंधी सोंधी खुशबू से पूरा इलाका इन दिनों गुलजार हो रहा है.
चूड़ा मिलो में कुटाई की मची होड़:गौरतलब है की मकर संक्रांति पर्व पर लोग चूड़ा दही का जायका लगाते हैं. इसके साथ ही अगर अगहनी चूड़ा मिल जाए तो इसका जायका और भी लाजवाब हो जाता है. अगहनी चूड़ा सौंधी स्वाद को लेकर प्रसिद्ध है और इसकी सौंधी खुशबू से पूरा इलाका इन दिनों गुलजार हो रहा है, दिन रात मिलो में चूड़ा कुटाई की होड़ मची है. इन दिनों अगहनी चूड़ा का डिमांड भी बहुत अधिक बढ़ गया है. उत्तर भारत में डिमांड और भी अधिक रहती है दक्षिण भारत में तो चूड़ा दही का लोग सालों आनंद लेते हैं लेकिन उत्तर भारत में लोग चूड़ा दही का ज़ायका मकर संक्रांति के पर्व पर ही लेते हैं. अगहनी चूड़ा न केवल अन्य राज्यों में बल्कि विदेशों तक इसकी खुशबू बिखर रही है.
"अगहनी चूड़ा मिल संचालकों ने कहा कि चूड़ा अपने स्वाद को लेकर प्रसिद्ध है. पतले धान को 60 घंटे और मोटे धान को 40 घंटे फुलाकर कूटा जाता है. 100 रूपये प्रति मन पर चूड़े की कुटाई होती है और मकर संक्रांति पर इसकी मांग बढ़ जाती हैं.":- राजेंद्र साव चूड़ा मिल संचालक, मसौढ़ी