पटना: भोजपुरी फिल्मों में अभिनय का लोहा मनवाने वाली अभिनेत्री आम्रपाली दुबे भोजपुरी सिनेमा को लगातार ऊपर उठाने का प्रयास भी कर रही हैं. वह कहती हैं कि भोजपुरी सिनेमा काफी मुश्किल दौर से गुजर रहा है लेकिन इससे सुनहरी आस जुड़ी हुई है.
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'भोजपुरी इंडस्ट्री पर गहराया संकट'
आम्रपालीदुबे ने कहा कि, इस इंडस्ट्री के साथ काफी बुरा हुआ लेकिन अब उम्मीद की रोशनी भी दिखी है. बस लड़ाई इसे मल्टीप्लेक्स तक ले जाने की है. भोजपुरी सिनेमा जैसे ही वहां पहुंचेगा तो यह एक अलग मुकाम होगा. क्योंकि जिस तरह से कोरोना काल में सिंगल स्क्रीन बंद हो रहे हैं ऐसे में भोजपुरी इंडस्ट्री के सामने गहरा संकट खड़ा हो रहा है.
"बॉलीवुड या अन्य क्षेत्रीय भाषाओं से तुलना अगर करेंगे तो भोजपुरी का संघर्ष ज्यादा है. हमारी फिल्में मल्टीप्लेक्स तक नहीं जा पा रही हैं. जबकि दक्षिण और मराठी फिल्मों के लिए वहां की राज्य सरकारों ने मल्टीप्लेक्स में रिलीज करने को कह रखा है. अगर बिहार. यूपी और झारखंड की सरकार भी साथ होंगी तो इंडस्ट्री और बढ़ेगी. कलाकार काम करने के लिए आएंगे और इससे जुड़े लोगों को भी अच्छा मेहनताना मिलेगा." - आम्रपाली दुबे, भोजपुरी अभिनेत्री
'मल्टीप्लेक्स तक ले जाने की लड़ाई'
दुबे ने अश्लीलता, द्विअर्थी संवाद सवाल पर कहा, "हम टेलीविजन के लिए यूए सर्टिफिकेट लेते हैं. जब हम टीवी के लिए इतनी मेहनत कर सकते हैं तो मल्टीप्लेक्स के लिए तो जान लगा देंगे. कैंची चलाना सेंसर के हक में है लेकिन जब हमारी एक दो फिल्मों में कैंची चल जाएगी तो लोग पैसा वेस्ट नहीं करके ऐसी फिल्में नहीं बनाएंगे कि उसमें कांट छांट हो. एक बार मल्टीप्लेक्स में आने का मौका तो मिले."
'ओवरसीज रिलीज से मिलेगा फायदा'
उन्होंने कहा, "अन्य राज्यों की अपेक्षा मैं भोजपुरी को काफी नीचे देखती हूं, क्योंकि अन्य राज्यों के जैसे ही भोजपुरी बोलने वाले भी देश में फैले हुए हैं. अगर यह इंडस्ट्री बढ़ी तो काफी फायदा होगा. इसे बोलने वाले लोग बहुत हैं लेकिन हमारी पहुंच उन तक नहीं है. जब हम पंजाबी या अन्य फिल्मों की तरह ओवरसीज रिलीज करेंगे तब फायदा होगा. पंजाबी फिल्मों के साथ यही हुआ. आज उसका मुकाम देख सकते हैं."