पटना: समान काम के बदले समान वेतन की मांगों को लेकर पटना नगर निगम के सफाई कर्मियों का हड़ताल का अल्टीमेटम दिया गया है. लेकिन उनके अल्टीमेटम से पहले निगम ने फरमान जारी किया है. यदि सफाईकर्मी हड़ताल किए तो उन पर कार्रवाई हो सकती है .
15 सूत्रीय मांग
नगर निगम के सफाईकर्मियों की 15 सूत्रीय मांगों को लेकर सफाईकर्मियों के नेता नंद किशोर दास निगम प्रशासन को अल्टीमेटम दिया है. यदि सफाईकर्मियों की मांग 10 फरवरी तक पूरा नहीं होता है तो वह सभी कर्मियों को लेकर अनिश्चित काल हड़ताल पर चले जाएंगे. इस अल्टीमेटम के बाद पटना नगर निगम ने एक फरमान जारी किया गया है. जिसमें बताया गया है कि-
पटना नगर निगम के चतुर्थ वर्ग के कर्मचारी संघ के तथाकथित महासचिव नंदकिशोर दास ने लिखित रूप में सूचित किया था. दिनांक 21/01/2021 से नगर निगम के कर्मियों के साथ चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेंगे. इसी क्रम में दिनांक 10/02/2021 को मौर्य लोक कॉम्प्लेक्स स्थित मुख्यालय कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन करेंगे. उनकी तथाकथित मांग नहीं मानें जाने पर 10/02/2021 के बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.
दावा निराधार
इस संबंध में निगम के सभी कर्मियों को सूचित किया गया है कि नगर निगम के चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी संघ के तथाकथित महासचिव नंदकिशोर दास ने जो दावा किया जा रहा है वो निराधार है. उनका यूनियन अवैध है. इस यूनियन को फर्जी बताया गया है. क्योंकि पटना नगर निगम के सभी कर्मचारी संघों का विलय होकर यह संयुक्त रूप से पटना नगर निगम कर्मचारी समन्वय समिति के रूप में गठित है. जिसमें मंगल पासवान को पटना नगर निगम चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि के रूप में स्थान दिया गया है. इस संबंध में यह भी उल्लेखनीय है कि पटना नगर निगम समन्वय कर्मचारी समिति के माध्यम से किए गए हड़ताल के संबंध में CWJC No.7757/2020 में दिनांक 11.09.2020 को आदेश पारित कर हड़ताल को अविलंब समाप्त करने को कहा गया था. साथ ही कार्य पर वापस जाने और किसी भी तरह की सरकारी संपत्ति को नुकसान न पहुंचाने का आदेश पारित किया गया था. जिसके आलोक में उस समय हड़ताल समाप्त किया गया था.
अवमानना करने पर कार्रवाई
नन्द किशोर दास के माध्यम से दिनांक 10.02.2021 को धरना प्रदर्शन और उसके बाद अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वाहन किया गया. यह पटना उच्च न्यायालय के आदेश के विरुद्ध है. इस संबंध में यदि कोई भी निगम कर्मी इस हड़ताल और धरना प्रदर्शन में सम्मिलित पाए जाएंगे तो माननीय उच्च न्यायालय की अवमानना होगी. साथ ही उनके विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.