पटना:बिहार में कोरोना जांच में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आने के बाद सरकार ने अब कार्रवाई प्रारंभ कर दी है. सरकार सभी जिलों के प्रशासन से टेस्ट में गड़बड़ी की जांच कराने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा जांचके लिए स्वास्थ विभाग की 12 टीमों का भी गठन किया गया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी शुक्रवार को दिल्ली से लौटने के बाद पत्रकारों द्वारा इस संबंध में पूछे गए एक प्रश्न में कहा कि इस मामले में कार्रवाई हो रही है.
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जांच के लिए बनाई गई टीम
पूरे बिहार में कोविड टेस्ट से जुड़ी गड़बड़ियों की जांच के लिए विशेष टीम भी बनाई गई है. स्वास्थ विभाग की 12 टीमें अलग-अलग जिलों में जा कर जांच कर रही है.
कोरोना टेस्ट में गड़बड़ी, अब तक 10 सस्पेंड
कोरोना जांच में गड़बड़ी करने के आरोप में अब तक 10 लोगों को सस्पेंड किया जा चुका है. जिसमें सात लोगों को शुक्रवार को सस्पेंड किया गया. आज जिन तीन लोगों को सस्पेंड किया गया, उनमें डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम मैनेजर भी शामिल हैं. इन सभी को कोरोना जांच में लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड किया गया है.
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क्या है मामला?
दरअसल, बिहार में कोरोना जांच में बड़े पैमाने पर हुई गड़बड़ी का खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, 16 जनवरी, 18 जनवरी और 25 जनवरी को जमुई जिले के सिकन्दरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कुल 183 लोगों की जांच हुई.
13 लोगों के नाम पर लिखा एक मोबाइल नंबर?
हालांकि, जांच में जो खुलासा हुआ वो हैरान करने वाला था. रिपोर्ट की माने तो, सिकंदरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर जिन लोगों का कोरोना जांच किया गया था, उनमें से 13 लोग ऐसे हैं, जिनके नाम के सामने एक ही मोबाइल नंबर लिखा हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक, जिला मुख्यालय में डाटा एंट्री स्टॉफ ने जमीनी स्तर पर काम करने वाले पीएचसी के कर्मचारियों को दोषी ठहराया है.
CM नीतीश ने क्या कहा था
''मामले की जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से हमने पूछा है. पूरी गंभीरता से जांच करने का निर्देश दिया गया है. अगर किसी भी स्तर से कोई गड़बड़ी होगी तो उसे छोड़ेंगे नहीं, कार्रवाई करेंगे. मुझे प्रधान सचिव ने बताया है कि 22 जिलों में जांच हो गई है. इनमें एक जगह पर कोई मामला मिला है, जिसपर कार्रवाई भी हुई है.''- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
मनोज झा ने राज्यसभा में उठाया सवाल
वहीं, शुक्रवार को राज्यसभा में बिहार में कोरोना जांच में गड़बड़ी संबंधी मामले को आरजे सांसद मनोज झा ने उठाया था. इस पर राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को पूरे मामले की जांच कराने का निर्देश दिया.
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