पटना:बिहार विधानसभा चुनाव 2020 को लेकर सियासी दलों की सक्रियता बढ़ गई है. मिशन 2020 फतह करने के लिए राजनीतिक दलों ने कसरत शुरू कर दी है. वोट बैंक को मजबूत करने के लिए नये समीकरण की तलाश भी शुरू हो चुकी है. आरजेडी 'माय' से बाहर निकलते हुए नये समीकरण बनाने में जुटी है. वहीं, एनडीए ने महागठबंधन के हर समीकरण को ध्वस्त करने के लिए एक्शन प्लान तैयार रखा है.
सीएए के विरोध के बहाने महागठबंधन के नेता दलित और मुस्लिम वोटरों को एक प्लेटफार्म पर लाने की कवायद कर रहे हैं. दलितों और अल्पसंख्यकों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि सीएए उनके लिए नुकसान देह है. वहीं, आरक्षण को लेकर आरजेडी दलितों को एकजुट करने में जुटी है. वहीं, आरजेडी की हर चाल पर बीजेपी और जेडीयू की नजर है. बीजेपी जहां दलितों को अपने पक्ष में करने के लिए शतरंज की बिसात पर मोहरे चल रही है. वहीं, जेडीयू अल्पसंख्यकों को अपने पाले में करने के लिए जोर आजमाइश कर रही है.
'आरक्षण पर कोर्ट के फैसले पर एनडीए चुप'
आरजेडी ने बीजेपी और जेडीयू पर आरक्षण को लेकर निशाना साधा है. पार्टी के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी का कहना है कि दलित आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर बीजेपी और जेडीयू के लोग क्यों चुप हैं? उन्हें इस पर जवाब देना चाहिए. शिवानंद तिवारी के मुताबिक आरजेडी पर भड़काने के आरोप में सच्चाई नहीं है. केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश में संघ का एजेंडा लागू करना चाहते हैं.