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बिना निबंधन के चल रहे प्राइवेट स्कूलों की नकेल कसने की कवायद शुरू, 'इ संबंधन' पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य

बिहार में सरकार की अनुमति के बिना संचालित हो रहे प्राइमरी स्कूलों के लिए अब रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हो गया है. शिक्षा विभाग की ओर से लांच 'इ संबंधन' पोर्टल पर सभी स्कूलों को अपना डॉक्यूमेंट जमा करना होगा. इसके बाद जिला स्तरीय समिति की ओर से मापदंड के आधार पर स्कूलों को प्रमाण पत्र दिया जाएगा.

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Published : Jul 28, 2021, 9:14 AM IST

शिक्षा विभाग बिहार
शिक्षा विभाग बिहार

पटना:अब तक बिना किसी निबंधन या सरकार (Government) की अनुमति के संचालित हो रहे बिहार के प्राथमिक विद्यालयों (Primary Schools Of Bihar) के लिए अब रजिस्ट्रेशन (Registration) अनिवार्य हो गया है. किसी भी प्राथमिक स्कूल को अब बिना अनुमति लिए संचालित करना भारी पड़ सकता है.

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यही नहीं पहले से अनुमति प्राप्त निजी स्कूलों को भी अपनी पूरी जानकारी शिक्षा विभाग के इ संबंधन पोर्टल पर संबंधित जिले के डीईओ के माध्यम से अपलोड कराना जरूरी कर दिया गया है. शिक्षा विभाग ने अभी कुछ दिन पहले ही इ संबंधन पोर्टल लॉन्च किया था. यह स्पष्ट किया था कि राइट टू एजुकेशन के तहत सभी प्राइवेट स्कूलों को अनुमति लेनी होगी.

इसके लिए जिला स्तर पर गठित तीन स्तरीय कमेटी निर्धारित मापदंड के तहत अनुमति देती है. शिक्षा विभाग के आदेश के मुताबिक प्राइवेट प्राइमरी स्कूल को अब अनुमति के लिए विभाग की वेबसाइट इ संबंधन पोर्टल पर आवेदन करना होगा. पहले से जिन स्कूलों को अनुमति मिल चुकी है, वह भी अपने ऑनलाइन डॉक्यूमेंट इस पोर्टल पर अपलोड करेंगे.

यह काम 30 सितंबर तक सभी निजी स्कूलों को करना है. इसके बाद जिला स्तर पर 3 सदस्यीय समिति निर्धारित मापदंड के तहत जांच करेगी और अनुमति का प्रमाण पत्र निजी स्कूलों को प्रदान करेगी. शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि 31 दिसंबर से पहले सभी निजी प्रारंभिक स्कूलों को अनुमति संबंधी प्रमाण पत्र ले लेना होगा.

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शिक्षा विभाग के इस आदेश से अब यह स्पष्ट है कि अब बिहार में बिना सरकार की जानकारी के कोई भी स्कूल संचालित नहीं होगा. सरकार के इस निर्णय से अब शिक्षा विभाग के पास पूरी जानकारी उपलब्ध होगी कि किस जिले में कितने स्कूल किस क्लास तक के चल रहे हैं और कितने बच्चे उनमें नामांकित हैं. इसके साथ ही निजी स्कूलों की यह जानकारी भी उपलब्ध होगी कि राइट टू एजुकेशन के तहत कितने बच्चों का एडमिशन स्कूलों में हुआ है.

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