पटना: सूबे में बीते दिनों हुई भारी बारिश के कारण हुए जलजमाव के बाद अब डेंगू जानलेवा हो रहा है. हर घर में डेंगू का खौफ कायम है. आये दिन मरीजों की संख्या घटने के बजाय बढ़ती जा रही है. बिहार में डेंगू के मरीजों की संख्या 1081 के पार हो गई है.
पटना में भी डेंगू का कहर जारी है. एक ही दिन में डेंगू के 120 के करीब मरीज पाए गये हैं. राजेंद्रनगर और कंकड़बाग में तबाही के बाद पाटलिपुत्र अंचल में सबसे अधिक डेंगू और चिकनगुनिया के मरीज मिले हैं. स्वास्थ्य विभाग डेंगू प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य में लगा हुआ है. डेंगू के मद्देनजर अस्पतालों में व्यवस्था बढ़ा दी गई है.
शहर के सभी वार्डों में दहशत
डेंगू के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम ने शहर के सभी मोहल्लों में बचाव दल को लगाया है. डेंगू और चिकनगुनिया को लेकर पटना के सभी मोहल्लों में फॉगिंग कराई जा रही है. मच्छरों से सुरक्षा को लेकर दवाओं का भी छिड़काव किया जा रहा है.
जानिए क्या है डेंगू मच्छर?
जिस मच्छर के काटने से डेंगू होता है, उस मच्छर का नाम मादा एडीज मच्छर है. यह दिखने में भी सामान्य मच्छर से अलग होता है और इसके शरीर पर चीते जैसी धारियां बनी होती है. यह मच्छर अक्सर रोशनी में ही काटते हैं. डेंगू के मच्छर दिन में खासकर सुबह के वक्त काटते हैं. वहीं, अगर रात में रोशनी ज्यादा है तो भी यह मच्छर काट सकते हैं. इसलिए सुबह और दिन के वक्त इन मच्छरों का ज्यादा ध्यान रखें. एडीज बहुत ऊंचाई तक नहीं उड़ पाता. इंसान के घुटने के नीचे तक ही पहुंच होती है.
डेंगू बुखार के क्या हैं लक्षण?
डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स की संख्या घट जाती है. 1.5 लाख से 3.5 लाख के बीच रहने वाला प्लेटलेट्स यदि 20 हजार के नीचे आ जाये तो प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है. इसमें तेज बुखार के साथ हड्डियों के जोड़ों में तेज दर्द, सिर दर्द, उल्टी, मतली, आंखों में दर्द और शरीर पर लाल चकत्ते जैसे लक्षण शामिल हैं. सांस लेने में दिक्कत और थकान जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.
इस प्रकार बरतें सावधानी-
अपने आसपास पानी जमा न होने दें.
यदि पानी जमा हो तो उसपर किरोसिन डाल दें.
गमले के पानी को दो दिन में बदल दें.
कूलर के पानी की टंकी को सप्ताह में एक दिन खाली रखें.