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Year Ender 2020: इन वजहों से सुर्खियों में रहा पर्यावरण विभाग - राजगीर नेचर सफारी

वर्ष 2020 को एक तरफ जहां कोरोना काल के कारण याद किया जाएगा. वहीं, बिहार में लॉकडाउन के दौरान करीब 4 करोड पौधे लगाकर पर्यावरण विभाग ने भी खूब सुर्खियां बटोरी. हालांकि पूरे साल पॉलिथीन का प्रयोग और प्रदूषण नियंत्रण पर्यावरण वन विभाग के लिए बड़ी चुनौती बना रहा. देखिए ये विशेष रिपोर्ट

पर्यावरण के साथ प्रगति
पर्यावरण के साथ प्रगति

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Published : Dec 26, 2020, 2:31 PM IST

Updated : Dec 26, 2020, 5:42 PM IST

पटना: पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन विभाग वर्ष 2020 में विशेष तौर पर तब चर्चा में आया जब ढाई करोड़ पौधे लगाने की बात सामने आई. लॉकडाउन के दौरान जब बिहार के लगभग सभी दफ्तर बंद थे. तब स्वास्थ्य विभाग और परिवहन विभाग के अलावा सिर्फ एक विभाग को विशेष अनुमति मिली. अपने काम पूरा करने की और वह था बिहार का पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग.

लक्ष्य से ज्यादा लगाए गए पौधे
विभाग के मुताबिक इस दौरान ढाई करोड़ पौधारोपण के लक्ष्य की बजाए पूरे बिहार में 3.91 करोड़ पौधे लगाए गए. बिहार के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एके पांडे ने ईटीवी भारत को बताया कि बिहार में फॉरेस्ट कवर बढ़ाने की दिशा में लगातार प्रयास किया जा रहा है.

देखें रिपोर्ट.

2021 में 5 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे
वर्ष 2020 में तमाम चुनौतियों के बावजूद तीन करोड़ 91 लाख पौधे जीविका और अन्य एजेंसियों की मदद से लगाए गए हैं. अगले साल यानी 2021 में 5 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य विभाग ने सामने रखा है. जिसे पूरा करने की कोशिश की जाएगी.

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कई जिलों में काम शुरू
2020 में ही कैमूर, रोहतास, मुंगेर और कई अन्य जगहों पर नए काम की शुरुआत हुई. करकटगढ़ और तूतलाभवानी में टूरिस्ट स्पॉट का काम पूरा हुआ. इस वर्ष राजगीर में नेचर सफारी और जू सफारी के काम को लगभग पूरा कर लिया गया है.

करकटगढ़ झूला पुल.

चर्चा का विषय बना राजगीर हैंगिंग ग्लास ब्रिज
राजगीर के नेचर सफारी में बना हैंगिंग ग्लास ब्रिज उद्घाटन से पहले ही चर्चा का विषय बन गया है. यह राजगीर ही नहीं बल्कि पूरे बिहार के लिए इकलौता आकर्षण का केंद्र बनने वाला है. जू सफारी को इस साल सेंट्रल जू अथॉरिटी से हरी झंडी मिल चुकी है और यह बहुत जल्द दर्शकों के लिए खुल जाएगा.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार.

प्रदूषण नियंत्रण और पॉलिथीन की चुनौती बरकरार
बिहार के लिए यह वर्ष एक तरफ जहां कोरोना के समय प्रदूषण स्तर निम्न स्तर पर पहुंचने के कारण काफी राहत भरा रहा. लेकिन जैसे ही परिवहन सामान्य हुआ प्रदूषण फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया और साल खत्म होते-होते एक बार फिर स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बन कर सामने आया है.

पटना में एयर क्वालिटी
पटना में प्रदूषण का स्तर और एयर क्वालिटी इंडेक्स दिल्ली और अन्य बड़े शहरों में प्रदूषण के स्तर तक पहुंच गया है. प्रदूषण नियंत्रण के लिए एनजीटी की गाइडलाइंस को सख्ती से लागू करवाने में पर्यावरण विभाग पूरी तरह फिसड्डी साबित हुआ.

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पॉलिथीन की आज भी बिक्री
एक बड़ी समस्या पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले पॉलिथीन को लेकर भी पूरे साल बनी रही. पॉलिथीन पर बिहार में प्रतिबंध है फिर भी धड़ल्ले से पॉलिथीन का प्रयोग तमाम जगहों पर हो रहा है. विभाग की तरफ से कई बार छापेमारी हुई बावजूद इस पर प्रभावी नियंत्रण अब तक नहीं हो पाया है.

नियमों के उल्लंघन पर होगी कार्रवाई
ईटीवी भारत के सवालों पर बिहार के उपमुख्यमंत्री व नगर विकास मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि नियम कानून के तहत ही सभी निर्माण कार्य होनी चाहिए. अगर इसमें कोई एजेंसी नियमों का उल्लंघन कर रही है तो उससे सख्ती से निपटेंगे.

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2020 में इन वजहों से सुर्खियों में रहा पर्यावरण विभाग

  • लॉकडाउन के दौरान 3.91 करोड़ पौधारोपण
  • राजगीर में जू सफारी और नेचर सफारी का निर्माण
  • रोहतास में तूतलाभवानी मंदिर मार्ग का निर्माण
  • कैमूर में करकटगढ़ जलप्रपात के पास सुविधाओं का विकास
  • वीटीआर में इको पार्क निर्माण और मेंटेनेंस
  • पटना जू में राइनो केज का उद्घाटन

2020 में इनका इंतजार रहा

  • पॉलिथीन के प्रयोग पर प्रभावी नियंत्रण
  • प्रदूषण नियंत्रण
  • बेहतर एयर क्वालिटी
Last Updated : Dec 26, 2020, 5:42 PM IST

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