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BJP के पूर्व MLA के दो भाईयों की हत्या का मुख्य आरोपी अब भी फरार, 31 मई को बदमाशों ने गोलियों से भून डाला था - accused of double murder in patna Sanjay Singh

पटना के पत्रकार नगर थाना अंतर्गत 31 मई को बीजेपी के पूर्व विधायक चितरंजन शर्मा के दो सहोदर भाईयों की गोली मारकर हत्या (former BJP MLA brother murder case) कर दी गई थी. छह माह बाद भी पुलिस इस कांड के मुख्य आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है. इस दोहरे हत्याकांड मामले में पुलिस को कोई कामयाबी नहीं मिली है.

बीजेपी के पूर्व विधायक के दो सगे भाइयों की हत्या
बीजेपी के पूर्व विधायक के दो सगे भाइयों की हत्या

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Published : Nov 13, 2022, 12:50 PM IST

पटना: बिहार की राजधानी पटना में 31 मई 2022 को बाइक सवार दो हथियारबंद अपराधियों बीजेपी के पूर्व विधायक चितरंजन शर्मा केदो सहोदर भाईयों की हत्या (EX BJP MLA BROTHER MURDER IN PATNA) कर दी थी. इस दोहरे हत्याकांड को अंजाम देने के लगभग 6 महीने बीत जाने के बाद भी इस पूरे मामले में पुलिस को पूर्ण कामयाबी नहीं मिल पाई है. दरअसल, राजधानी पटना के पत्रकार नगर थाना क्षेत्र के काली मंदिर रोड में बीजेपी के पूर्व विधायक चितरंजन शर्मा के सगे भाई शंभू शर्मा और गौतम शर्मा को बैखौफ अपराधियों ने गोली मार दी थी. इस घटना में एक की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि दूसरे भाई की मौत इलाज के दौरान कंकड़बाग के एक निजी अस्पताल में हो गई थी.

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बाइक सवार अपराधियों ने मारी थी गोलीः घटना के संबंध में पत्रकार नगर थाना प्रभारी मनोरंजन भारती ने बताया कि दोनों भाई बाइक से जा रहे थे. उसी दौरान पीछा करते हुए एक बाइक पर सवार दो अपराधी पत्रकार नगर में ओवरटेक कर दोनों को गोली मार दी थी. घटनास्थल से चार खोखा बरामद किया गया था. दअरसल, पूर्व विधायक चितरंजन शर्मा धनरूआ थाना क्षेत्र के नीमा गांव के रहने वाले हैं. मृतकों में से एक चार्टर्ड अकाउंटेंट और दूसरा एक वेब पोर्टल के पत्रकार के तौर पर काम कर रहा था. पत्रकार नगर थाना प्रभारी मनोरंजन भारती की मानें तो इस मामले में मुख्य आरोपी संजय सिंह अभी भी फरार है. उसकी तलाश पुलिस कर रही है. हालांकि, इस मामले में छल लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.

चितरंजन शर्मा और संजय सिंह के बीच पुरानी है दुश्मनीः आपसी वर्चस्व को लेकर घटना को अंजाम दिया गया था. इनके परिवार के पहले भी दो सदस्यों की हत्या हो चुकी है. आपसी रंजिश और वर्चस्व को लेकर इस पूरे घटना को अंजाम दिया गया था. मनोरंजन भारती के अनुसार संजय सिंह की गिरफ्तारी को लेकर या यह केश पेंडिंग है. इसी साल अप्रैल माह में भी चितरंजन शर्मा के परिवार की दो और सदस्यों की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. तब उनके चाचा और एक भाई की हत्या हुई थी और 31 मई को फिर दो भाई की हत्या हुई है. इस वारदात के पीछे पुरानी रंजिश को कारण बताया जा रहा है. इसको लेकर नीमा गांव के पांडव सेना के प्रमुख संजय सिंह पर आरोप लगाया जा रहा है. पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ने ईटीवी भारत को बताया कि नीमा गांव में पहले से ही दोनों गुट के बीच तनाव रहता है. दोनों ओर से पहले भी कई हत्याएं हुई है. हाल की घटना में नीमा गांव के पांडव गिरोह का हाथ सामने आया है. इस मामले में 6 लोगों गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. हालांकि, मुख्य आरोपी संजय सिंह की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. उसकी गिरफ्तारी को लेकर विशेष टीम का भी गठन किया गया है. उसकी गिफ्तारी के बाद इस पूरे मामले का खुलासा कर दिया जाएगा. उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही उसकी गिरफ्तारी सुनिश्चित होगी.

"नीमा गांव में पहले से ही दोनों गुट के बीच तनाव रहता है. दोनों ओर से पहले भी कई हत्याएं हुई है. हाल की घटना में नीमा गांव के पांडव गिरोह का हाथ सामने आया है. इस मामले में 6 लोगों गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. हालांकि, मुख्य आरोपी संजय सिंह की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है. उसकी गिरफ्तारी को लेकर विशेष टीम का भी गठन किया गया है"- मानवजीत सिंह, एसएसपी, पटना

पांडव गिरोह का इतिहासः धनरुआ प्रखंड के नदवां पंचायत का नीमा गांव 1990 में तब सुर्खियों में आया जब वहां पांडव सेना का गठन गांव के ही पांच युवकों ने मिलकर किया था. इनका नेटवर्क बिहार व झारखंड में फैला था. इस गिरोह ने सबसे पहले उस वक्त नदवां पंचायत के सरपंच नुन्नु सिंह के पुत्र बहादुर सिंह की हत्या 1992 में की थी. इसके बाद एक एक कर इस गिरोह ने दर्जन भर हत्या की. इसमें गांव में ही एक साथ की गयी चार हत्या भी शामिल है. 2003 में गिरोह के बबलू सिंह व अशोक सिंह की हत्या गढ़वा में हो गयी. इसी बीच विपिन सिंह की मौत ट्रैक्टर दुर्घटना में गांव में हो गयी. फिर गिरोह में बचे चितरंजन शर्मा व संजय सिंह में अदावत शुरू हो गयी. दोनों अलग हो गये. वर्ष 2010 के विधान सभा चुनाव में चितरंजन शर्मा बीजेपी से अरवल से चुनाव लड़े और विजयी हो गये. वहीं संजय सिंह उसी वर्ष पालीगंज से लोजपा से चुनाव लड़े, लेकिन हार गए. 2015 के चुनाव में चितरंजन शर्मा हार गये थे.

छह माह पूर्व हुई थी शंभू की शादी, गौतम था अविवाहितः शंभू शरण की दूसरी शादी छह माह पूर्व हाजीपुर के भगवानपुर में हुई थी. पत्नी की विदाई कराकर अपने ससुराल से शम्भू वट सावित्री की पूजा के लिए पटना अपने आवास पर आए थे. बताया जाता है कि शंभू की पहली पत्नी से किसी कारणवश अनबन होने की वजह से दोनों एक दूसरे का साथ छोड़ दिया था. जबकि गौतम अभी अविवाहित था. गौतम की शादी की बात कहीं कहीं चल रही थी. 31 मई से पूर्व में जो हत्या हुई थी, उसका भी आरोप संजय सिंह पर लगा था. चितरंजन शर्मा और संजय सिंह के बीच पुरानी रंजिश चल रही है. घटना से चार दिन पहले ही धनरूआ थाना क्षेत्र में संजय सिंह के करीबी रहे सुधीर शर्मा की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. हालांकि इस मामले में पूर्व विधायक चितरंजन शर्मा एवं उनके परिवार के किसी भी शख्स को नामजद नहीं किया गया था. बताया जा रहा है कि इसके प्रतिशोध में ही पूर्व विधायक के दोनों भाइयों को मौत के घाट उतारा गया.



"दोनों भाई बाइक से जा रहे थे. उसी दौरान पीछा करते हुए एक बाइक पर सवार दो अपराधी पत्रकार नगर में ओवरटेक कर दोनों को गोली मार दी थी. घटनास्थल से चार खोखा बरामद किया गया था. इस मामले में मुख्य आरोपी संजय सिंह अभी भी फरार है. उसकी तलाश पुलिस कर रही है. हालांकि, इस मामले में छल लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है"- मनोरंजन भारती, थाना प्रभारी, पत्रकार नगर थाना

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