पटना: बीपीएससी परीक्षा में राज्पाल के संदर्भ में पूछे गए सवाल पर विवाद गहराता जा रहा है. बीपीएससी के सवाल से शिक्षाविद् भी इतेफाक नहीं रखते हैं. PU कुलसचिव और मगध महिला कॉलेज की प्राचार्य ने इस सवाल पर एतराज जताया है.
BPSC के सवालों पर शिक्षाविदों की राय BPSC का विवादों के साथ चोली-दामन का पुराना नाता रहा है. कभी परीक्षा तो कभी रिजल्ट को लेकर. लेकिन इस बार बीपीएससी की 64वीं की मुख्य परीक्षा में राज्यपाल को लेकर पूछे गए सवाल से बवाल मचा हुआ है.
'इस तरह के सवाल से परहेज करे BPSC'
इस गंभीर मसले पर पटना विश्वविद्यालय के कुलसचिव राजेश कुमार ने बताया कि राज्यपाल संवैधानिक पद पर होते हैं. राज्यपाल सरकार की कठपुतली नहीं होते हैं. हर राज्य में राज्यपाल अलग-अलग तरीके से काम करते हैं. हो सकता है इस संदर्भ में बीपीएससी ने छात्रों से मन की बात जानने की कोशिश की हो. लेकिन संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के बारे में इस तरह का प्रश्न नहीं पूछना चाहिए. इस तरह के प्रश्नों से परहेज करना चाहिए.
'व्यक्तित्व वाला कभी कठपुली नहीं बन सकता'
मगध महिला कॉलेज की प्राचार्य डॉ. प्रोफेसर शशि रानी ने कहा कि गवर्नर के पद पर कौन व्यक्ति बैठता है ये मायने रखता है. अच्छे व्यक्तित्व वाला व्यक्ति कभी कठपुतली बनकर काम नहीं करता है. जबकि धीमा व्यक्तित्व वाला व्यक्ति किसी भी पद पर कठपुतली बन सकता है.
प्रोफेसर शशि रानी, प्राचार्य (मगध महिला कॉलेज) पहले भी पूछे गए हैं ऐसे सवाल
वहीं सूत्रों की मानें तो छात्रों से उसकी अपनी व्यक्तिगत राय जानने के लिए सवाल रखा गया था. इस तरह के प्रश्न कई बार बीपीएससी की मुख्य परीक्षा में पूछे गए हैं.