पटना: दिल्ली के बाद पंजाब में सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी काफी उत्साहित है. छोटे राज्यों पर आम आदमी पार्टी की पैनी नजर है. गोवा में उपस्थिति दर्ज कराने के बाद पार्टी अब हिमाचल प्रदेश में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. इसके साथ ही पार्टी ने देशभर में पार्टी के विस्तार करने पर काम शुरू कर दिया है. बिहार में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party Roadmap for Bihar Politics) इन दिनों काफी सक्रिय हो गई है और तेजी से ग्रामीण क्षेत्रों में सदस्यता अभियान चला रही है. इसके अलावा बिहार में आम आदमी पार्टी अब चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो गई है.
यह भी पढ़ें- 'बिहार में कॉमन सिविल कोड की जरूरत नहीं', जेडीयू नेता उपेंद्र कुशवाहा का बड़ा बयान
पार्टी मुद्दों की करेगी राजनीतिः बता दें कि हाल ही में आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश के विधायक अजेश यादव ने बिहार का दौरा किया. वह पार्टी की तरफ से बिहार राज्य चुनाव प्रभारी बनकर पहुंचे थे. विगत 10 वर्षों में पार्टी की ओर से पहली बार किसी को चुनाव प्रभारी बनाकर प्रदेश में भेजा गया. अजेश यादव ने अपने बिहार दौरे में साफ किया कि बिहार में पार्टी जात पात की राजनीति नहीं करेगी, बल्कि मुद्दों की राजनीति करेगी. दिल्ली का जो मॉडल है, मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी, निशुल्क गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, अच्छी स्वास्थ्य सेवा, करप्शन फ्री गवर्नेंस जैसे मुद्दों पर प्रदेश में पार्टी काम करेगी. ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि बिहार जो जातीय राजनीति के लिए बदनाम है और चुनाव के समय प्रदेश के राजनीतिक दल विभिन्न जातीय संगठनों के सम्मेलन कर जातीय समीकरण साधने में लग जाते हैं, उस बिहार में आम आदमी पार्टी का निशुल्क बिजली पानी चिकित्सा शिक्षा का मॉडल कितना सफल हो पाएगा.
अन्ना आंदोलन से उपजी पार्टीः आम आदमी पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि आम आदमी पार्टी अन्ना आंदोलन से उपजी हुई पार्टी है और अन्ना आंदोलन के समय से ही बिहार में पार्टी का जनाधार बना हुआ है. बिहार की जनता आम आदमी पार्टी को एक मजबूत राजनीतिक विकल्प के तौर पर देख रही है. इसके पीछे वजह यह है कि जिस प्रकार पार्टी में दिल्ली में काम किया है, वहां की जनता ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल को लगातार तीन बार मुख्यमंत्री बनाया है. दिल्ली में मुफ्त बिजली और पानी निशुल्क शिक्षा और चिकित्सा सेवा जो बहाल की गई है, उसका असर पूरे देश भर में हुआ है. उसी का असर है कि पंजाब में पार्टी को अपार बहुमत से सफलता हाथ लगी है.
देशभर में लोकप्रिय हो जाएगा मॉडलः उन्होंने कहा कि क्योंकि दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है और मुख्यमंत्री के पास अधिक अधिकार नहीं है, लेकिन पंजाब पूर्ण राज्य है और अब वहां दिल्ली मॉडल और पार्टी की नीतियों को लागू किया जा रहा है. 2 साल के अंदर पंजाब में पार्टी इस प्रकार काम करेगी कि यह मॉडल पूरे देश भर में लोकप्रिय हो जाएगा. मनोज कुमार ने कहा कि आम आदमी पार्टी जो वादे करती है, उसकी डिलीवरी करती है और जातपात की राजनीति से ऊपर उठकर मुद्दों की राजनीति करती है. यह राजनीति देश की जनता को पसंद आ रही है. पार्टी करप्शन को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति रखती है. करप्शन फ्री गवर्नेंस पर यकीन करती है. यही वजह है कि बिहार में भी पार्टी को एक मजबूत राजनीतिक विकल्प के तौर पर लोग देख रहे हैं और रोजाना भारी संख्या में नए लोग पार्टी से जुड़ रहे हैं.
बिहार में जल्द ही नई इकाई का गठनः उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी के समय प्रदेश इकाई भंग है, लेकिन पार्टी के सभी नेता पार्टी के लिए दिन रात काम कर रहे हैं. इन दिनों पार्टी की तरफ से विशेष सदस्यता अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसमें देखने को मिल रहा है कि प्रदेश के सभी जिलों में ग्रामीण क्षेत्र के लोग पार्टी को लेकर अपनी अच्छी दिलचस्पी दिखा रहे हैं. लोग मुद्दों की राजनीति को पसंद कर रहे हैं. अभी तक प्रदेश में मुद्दों की राजनीति करने वाले राजनीतिक दल का अभाव था, जिस वजह से मजबूरी में लोगों को जातिगत राजनीति करने वाले दलों को समर्थन देना पड़ता था, लेकिन अब प्रदेश की जनता को एक नया राजनीतिक विकल्प मिलेगा. आम आदमी पार्टी की केंद्रीय नेतृत्व ने यह तय कर लिया है कि अब आने वाले समय में बिहार के हर चुनाव में पार्टी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेगी. प्रदेश में जल्द ही नई प्रदेश इकाई का वृहद रूप से गठन किया जाएगा.
हमारी पॉलिसी लोगों को आ रही है पसंदः मनोज कुमार ने कहा कि पार्टी की जो नीति है और वादों के डिलीवरी की पॉलिसी है, उसी का परिणाम है कि दिल्ली में तीन बार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद का शपथ ग्रहण किया है. पंजाब और दिल्ली में पूर्व से चली आ रही जातीय और सांप्रदायिक राजनीति को पार्टी ने तोड़ा है और अब बिहार में भी यह टूटेगा. विकल्प के अभाव में बिहार में जनता जातीय राजनीति करने वाले दलों के पास जाती है लेकिन उनकी पार्टी करप्शन फ्री गवर्नेंस और बेहतर निशुल्क चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा के साथ-साथ मुफ्त बिजली के मॉडल और बेहतर रोजगार के अवसर के मुद्दे पर जनता के बीच जाएगी. उन्हें पूरा विश्वास है कि पार्टी को जनता का भरपूर सहयोग और समर्थन प्राप्त होगा और आने वाले दिनों में प्रदेश में पार्टी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी.
एनडीए और राजद दोनों के मौलिक मुद्दे एकः पटना के वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक मामलों के विशेषज्ञ प्रवीण बागी ने बताया कि बिहार में थर्ड फोर्स की बहुत आवश्यकता महसूस की जा रही है. अभी तक बिहार की राजनीति एनडीए और आरजेडी तक सीमित है और सभी लोग थर्ड फोर्स की आवश्यकता महसूस कर रहे हैं. एनडीए और राजद दोनों के मौलिक मुद्दों में अधिक अंतर नहीं है. दोनों एक ही मुद्दे पर राजनीति करते हैं. दोनों जातीय मुद्दे की राजनीति करते हैं. खासकर भ्रष्टाचार की बात की जाए तो अभी के समय भ्रष्टाचार को देश में अपने चरम पर है. राजद की सरकार भी जो प्रदेश से गई थी, तो भ्रष्टाचार और लॉ एंड ऑर्डर की बदहाल स्थिति एक प्रमुख वजह थी. बिहार में इन दिनों झूठ की राजनीति काफी ज्यादा हो रही है, ऐसे में आम आदमी पार्टी प्रदेश में अपने संगठन को मजबूत करती है तो उसके लिए एक अच्छा भविष्य बिहार में जरूर है.
बिहार में आम आदमी का मुद्दा लाना कठिनः राजनीतिक विशेषज्ञ प्रवीण बागी ने बताया कि आम आदमी पार्टी के लिए प्रदेश में अभी के समय समस्या यह है कि कोई भी प्रदेश प्रभारी अधिक दिन तक के लिए नहीं टिकते. आए दिन पार्टी के प्रदेश प्रभारी बदलते रहते हैं. जब तक वह प्रदेश को और यहां के मुद्दे को समझ पाते हैं, उन्हें बदल दिया जाता है. ऐसे में पार्टी को अपने संगठन को स्थायित्व देना होगा. बाकी आम आदमी पार्टी का जो मुद्दा है, करप्शन मुक्त सरकार, फ्री बिजली, गुणवत्तापूर्ण सरकारी स्कूलों में शिक्षा और बेहतर चिकित्सा सेवा के मुद्दों पर यदि पार्टी मजबूती से काम करे, तो पार्टी के लिए प्रदेश में एक बेहतरीन अवसर है. फ्री पानी का मुद्दा यहां नहीं टिकेगा, क्योंकि बिहार में पानी फ्री है. बाकी मुद्दे आम आदमी से जुड़े हुए मुद्दे हैं ऐसे में इन्हें अपने मुद्दों को जनता के बीच अच्छे से ले जाना होगा.
जात पात की राजनीति से ऊब चुकी है जनताः बिहार में जात पात की राजनीति पर बोलते हुए प्रवीण बागी ने बताया कि बिहार की जनता की जात-पात की राजनीति से ऊब चुकी है और विकल्प के अभाव में जात-पात की राजनीति करने वाले दलों को चुनती रही है. अभी के समय में बिहार में जो राजनीतिक पार्टियां हैं, वह नहीं चाहती कि बिहार में लोग जात-पात के दायरे से ऊपर उठे. इसलिए क्योंकि इन सभी राजनीतिक दलों ने एक खास जाति विशेष में अपना एक सेफ जोन बना लिया है और इस सेफ जोन से बाहर निकलना नहीं चाहते. इन राजनीतिक दलों को यह आसान लगता है कि पहले समाज को जाति में बांट दो, फिर उन जातियों का समीकरण बनाकर चुनाव जीत लो. ऐसे में आम आदमी पार्टी इन जातिगत समीकरण के दायरे से बाहर उठकर आम लोगों की बात करती है और उनकी बात उठाती है. जैसा माहौल दिल्ली में तैयार किया, जैसा माहौल पंजाब में तैयार किया, वैसा माहौल बिहार में तैयार कर दे तो निश्चित रूप से आने वाले दिनों में पार्टी प्रदेश में सरकार बना सकती है.
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करेंETV BHARAT APP