पटना: बिहार में इस साल होने वाले संभावित विधानसभा चुनाव को लेकर अब राजनीतिक पार्टियां और उनके नेता अपने नए साथी की तलाश में हैं. इसके लिए वे जहां अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर नफा-नुकसान में जुट गए हैं. वहीं, राज्य में नए समीकरण को भी बल मिलते दिखाई दे रहा है.
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक दल जेडीयू और एलजेपी के बीच जहां दिनों दिन तल्खी बढ़ती दिख रही है, वहीं विपक्षी दल के महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) की नजदीकी भी जेडीयू से बढ़ती जा रही है. वैसे, बीजेपी ने अभी इसे लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं.
सभी दल चुनावी तैयारी में जुटे
बिहार में हालांकि बीजेपी और जेडीयू को छोड़कर कोई भी दल इस कोरोना काल में चुनाव कराने के पक्ष में नहीं दिख रहा है, लेकिन चुनाव आयोग की चुनाव कराने की तैयारी को देखते हुए सभी दलों ने चुनाव को लेकर तैयारी शुरू कर दी है. यही कारण है कि राजनीतिक दल और नेता अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए नए ठिकाने की तलाश में जुटे हुए हैं.
एलजेपी के तेवर तल्ख
एलजेपी के प्रमुख चिराग पासवान लगातार बिहार सरकार में कमियों को सार्वजनिक मंचों से उठाकर जेडीयू से अपनी दूरी को मतदाताओं के बीच ले आ चुके हैं. चुनाव की आहट सुनकर चिराग स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अचानक पटना पहुंचे और अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठकर आगे की रणनीति बना ली है. कहा जा रहा है कि ही जल्द ही एलजेपी संसदीय दल की बैठक होनी है, जिसमें भविष्य को लेकर कुछ आधिकारिक घोषणा की जा सकती है.
वैसे, चिराग बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा से भी मिलकर अपनी बात रख चुके हैं. एलजेपी के नेता कहते भी हैं, 'उनका गठबंधन बीजेपी से है. जेडीयू तो गठबंधन में बाद में शामिल हुआ है.'