बिहार के 81 डॉक्टर बर्खास्त पटना:मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक (Nitish cabinet meeting) में कुल 41 एजेंडे पर मुहर लगी है. नीतीश कैबिनेट ने बड़ा फैसला लेते हुए विभिन्न सरकारी अस्पतालों में तैनात 81 चिकित्सकों को बर्खास्त कर दिया है. यह सभी लंबे समय से बिना सूचना के गायब थे. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव लगातार डॉक्टरों को अपने कर्तव्यों का सही तरीके से पालन करने की चेतावनी दे रहे थे.
पढ़ें- Nitish Cabinet Decisions: 41 एजेंडों पर लगी कैबिनेट की मुहर, शरद यादव के निधन पर एक दिन का राजकीय शोक
बिहार के 81 चिकित्सक बर्खास्त: इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के इस निर्णय को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी. 17 चिकित्सकों के नाम को सार्वजनिक किया गया है. अन्य 64 डॉक्टर हैं जिन्हें सेवामुक्त किया गया है.
कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ इन चिकित्सकों पर गिरी गाज:जिन डॉक्टरों पर कार्रवाई की गई है उनके नाम इस प्रकार से हैं- खगड़िया सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉक्टर आलोक कुमार, नवादा के गोविंदपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ चंदन शेखर, शेखपुरा सदर अस्पताल के डॉ मनोज कुमार गहलोत, जहानाबाद के घोसी रेफरल अस्पताल के डॉक्टर प्रवीण कुमार साहू और डॉक्टर शिवलोक नारायण अंबेडकर, मुजफ्फरपुर के केवटसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर सत्येंद्र कुमार सिन्हा.
वहीं गोपालगंज सदर अस्पताल के डॉ शशि भूषण सिन्हा, सूर्यगढ़ा के चिकित्सक श्रवण ठाकुर, सुपौल सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉक्टर सुरैया तरन्नुम, मधुबनी सदर अस्पताल के डॉक्टर रंजना कुमारी, जहानाबाद सदर अस्पताल के डॉक्टर दिव्या किरण, अरवल सदर अस्पताल के डॉ नम्रता सिन्हा, नवादा सदर अस्पताल के डॉक्टर राहुल कुमार मंगलम, दरौली के डॉक्टर नीतीश कुमार पर कार्रवाई की गई है.
बर्खास्त चिकित्सकों की लिस्ट गोपालगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रेहान लारी, त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल के डॉक्टर दीपक कुमार, सहरसा सदर अस्पताल के डॉक्टर दीपक कुमार शामिल हैं. यह सभी चिकित्सक 5 साल या उससे अधिक अवधि से लगातार अनुपस्थित रह रहे थे. इस आरोप में इन सभी को सेवा से बर्खास्त किया गया.
189 पदों के सृजन की स्वीकृति: बीएन मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा में कुल 18 विषयों में स्नातकोत्तर विभाग की स्थापना, पटना विश्वविद्यालय में बायोटेक्नोलॉजी विभाग की स्थापना और पटना विश्वविद्यालय के तहत विधि महाविद्यालय के लिए सहायक अध्यापक, प्राध्यापक के 148 पद तथा शिक्षकेतर कर्मियों के 41 पद, कुल 189 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है.
इन पदों के सृजन की भी मंजूरी: राज्य के विश्वविद्यालय एवं अंगीभूत महाविद्यालय के शिक्षकों की प्रोन्नत्ति के लिए कैरियर एडवांसमेंट स्कीम 2018 की परीनियम प्रारूप पर स्वीकृति दी गई है. सामान्य प्रशासन विभाग के मुख्यालय में 5 नए वाहन चालकों के पद सृजन की स्वीकृति दी गई है.
बिहार के 3 जिलों में 3 लेवल क्रॉसिंग के बदले पहुंच पथ और आरओबी निर्माण के लिए 229 करोड़ 14 लाख रुपया में से राज्यांश मद में 139 करोड़ 48 लाख ₹38000 की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है.बिहार के प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए जनसहयोग से भूमि एवं भवन प्राप्त करने एवं नामांतरण की प्रक्रिया की स्वीकृति दी गई है.
उद्योग विभाग के 9 एजेंडों पर मुहर:जाति आधारित गणना 2022 के लिए गणना प्रपत्र के मुद्रण कार्य पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार के उपक्रम सरस्वती प्रेस लिमिटेड को प्राधिकृत किया गया है. उद्योग विभाग के 9 एजेंडों पर मुहर लगी है, जिसमें 8 उद्योगों को वित्तीय प्रोत्साहन क्लीयरेंस दिए जाने की स्वीकृति दी गई है.
पानी ट्रीटमेंट योजना के लिए राशि की स्वीकृति: बिहार की नदियों में गंदा पानी नहीं जाए इसके लिए 173 नालों का पानी ट्रीटमेंट के बाद ही नदियों में डाला जाएगा और इसके लिए कैबिनेट में 161 करोड़ 62 लाख की स्वीकृति दी है. कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसले किए कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने पूरी जानकारी दी.