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सरकार के कार्यों की परिवहन सचिव ने दी जानकारी, बोले- 8 लाख से अधिक प्रवासियों को लाएंगे बिहार - Government of Bihar

परिवहन सचिव ने कहा कि जब तक प्रवासी श्रमिक या अन्य लोग वापस आना चाहेंगे, तब तक सरकार उनके वापस आने का इंतजाम करेगी. आने वाले दिनों में सरकार हर दिन 50 से 60 ट्रेनों की व्यवस्था करेगी, जिससे दूसरे राज्यों से प्रवासी लोगों को वापस लाया जा सके.

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Published : May 18, 2020, 11:13 PM IST

पटना: परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोरोना से उत्पन्न हालात पर सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी. परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि सरकार पूरी क्षमता से प्रवासी लोगों को वापस लाने के लिए लगातार काम कर रही है. दूसरे प्रदेशों से लोगों को लाने के लिये 5 ट्रेनों से शुरुआत कर इसे 30 ट्रेन प्रतिदिन तक किया गया है.

मंगलवार को 50 ट्रेनें प्रवासी लोगों को लेकर बिहार आएंगी. रविवार की शाम तक 5 लाख 20 हजार लोग बिहार वापस आ चुके हैं. आज 47 ट्रेनें बिहार के अलग अलग स्टेशनों पर पहुंचेंगी, जिससे 75,000 लोग वापस आएंगे. 26 मई तक 505 ट्रेनें बिहार आएंगी. 8 दिनों की अग्रिम योजना बनाकर संबंधित राज्यों से संपर्क बना लिया गया है. 18 राज्यों से संपर्क स्थापित करने के बाद लगभग 825 ट्रेनों से 8 लाख से ज्यादा लोगों के आने की संभावना है.

अब हर दिन 50 से 60 ट्रेन से आएंगे प्रवासी
परिवहन सचिव ने कहा कि जब तक प्रवासी श्रमिक या अन्य लोग वापस आना चाहेंगे, तब तक सरकार उनके वापस आने का इंतजाम करेगी. आने वाले दिनों में सरकार हर दिन 50 से 60 ट्रेनों की व्यवस्था करेगी, जिससे दूसरे राज्यों से प्रवासी लोगों को वापस लाया जा सके. स्टेशन से लोगों को उनके गृह जिलों तक जाने के लिये 4500 बसों की व्यवस्था की गई है. इसके साथ ही ट्रेनों का ठहराव बिहार के अलग अलग जिले तक किए जाएंगे. अब तक 5 लाख 20 हजार प्रवासी वापस बिहार आ चुके हैं, जिनमें ट्रेनों के जरिए 4,25,000 व राज्य के बार्डर इलाके तक पैदल पहुंचे शेष प्रवासी लोगों को बसों व ट्रेनों के माध्यम से उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाया जा चुका है.

प्रवासियों के लिये चलाई जा रह ट्रेनें
जो श्रमिक बिहार के बार्डर तक पैदल चल कर पहुंचे हैं, उनके लिए भी खास व्यवस्था की गई है. गोपालगंज व कैमूर से 800 बसों के जरिए ऐसे श्रमिकों को उनके घर तक पहुंचाया जा रहा है. गोपालगंज से 5, कैमूर से 3 ट्रेनें व पटना से 1 ट्रेन चलाई जा रही है, जिससे श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा सके. जिलाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि अगर उनके इलाके में कोई श्रमिक पैदल चलकर जाता दिखे तो उन्हें नजदीक के स्टेशन या बस के जरिए उनके गृह जिले तक पहुंचाने की व्यवस्था की जाए. प्रवासी श्रमिकों को किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो, इसके लिए सरकार लगातार काम कर रही है.

लोगों को दी जा रही हैं सुविधायें
परिवहन सचिव ने कहा कि प्रवासी लोगों को ट्रेन से लाने के लिए सरकार अपनी मैक्सिमम कैपेसिटी पर काम कर रही है. आने वाले दिनों में प्रतिदिन 1 लाख तक प्रवासी लोग वापस आने लगेंगे। आने वाले सभी प्रवासी लोगों के लिए प्रोटोकाल के अनुरुप सभी सुविधाएं दी जा रही हैं। बार्डर से प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचाने के लिए जो भी बसें एवं ट्रेनें चलाई जा रही है उसका भुगतान राज्य सरकार कर रही है।राजधानी से आने वाले पहले बुक कर सकेंगे गाड़ियां.

लोगों से अपील
परिवहन सचिव ने कहा कि राजधानी स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से आने वाले प्रवासी लोग अंतर्जिला सफर करने के लिए ओला और ऊबर का उपयोग कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें एडवांस बुकिंग करानी होगी. सभी श्रमिकों से अपील करते हुए परिवहन सचिव ने कहा कि पैदल ना चलें. सरकार उन्हें वापस लाने के लिए लगातार कार्य कर रही है. इस संबंध में रेल मंत्रालय से भी संपर्क किया गया है. इस महीने तक सरकार बाहर से आने वाले हर इच्छुक प्रवासी को वापस बिहार लेकर आएगी. आपदा की इस घड़ी में सरकार हर पल उनके साथ है.

मुख्यमंत्री ने इच्छुक प्रवासियों को लाने का दिया है निर्देश
सूचना एवं जनसम्पर्क सचिव अनुपम कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री ने आज केन्द्र द्वारा घोषित पैकेज को लेकर संबंधित विभाग के साथ गहन समीक्षा की. कृषि, पशु एवं मत्स्य संसाधन, ग्रामीण विकास एवं उद्योग विभाग के साथ हुई समीक्षा बैठक में इस बात को लेकर चर्चा हुई कि कैसे इस पैकेज का ज्यादा से ज्यादा लाभ किसानों, श्रमिकों, मनरेगा के तहत काम करने वाले लोगों व सेल्फ हेल्फ ग्रुप्स को मिले. सूचना एवं जन-सम्पर्क सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रवासी श्रमिकों को सुरक्षित वापस लाने को लेकर पहले ही निर्देश दे दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि जितने भी प्रवासी श्रमिक एवं अन्य लोग वापस आना चाहते हैं, उन सभी को वापस लाया जाएगा.

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