पटना:केंद्रीय चयन पर्षद की ओर से एक अक्टूबर को आयोजित सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीकहोने के कारण रद्द कर दिया गया. अब पेपर लीक मामले में पुलिस धुआंधार कार्रवाई करने में जुटी है. इस मामले में का जिम्मा आर्थिक अपराध इकाई के पास है. इस पूरे मामले पर जानकारी देते हुए एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने बताया कि इस मामले की जांच ईओयू की टीम कर रही है और इस मामले से संबंधित सभी डिजिटल साक्ष्य ले रही है.
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नहीं बख्शे जाएंगे संलिप्त आरोपी : एडीजी मुख्यालय जितेन सिंह गंगवार में साफ तौर से बताया है कि अभी तक कुल 74 मामले दर्ज किए गए हैं. वही 150 लोगों को जेल भेजा जा चुका है. सबसे अधिक फिर छपरा, भोजपुर, पटना और नालंदा में की गई है. सभी मामलों की जांच आर्थिक अपराध इकाई काफी गहनता से कर रही है. सभी मामलों की जांच के लिए अलग-अलग पदाधिकारी लगाए गए हैं, जो लोगों का नाम इसमें आएगा चाहे कोई भी हो उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.
"अब तक इस मामले में ईओयू ने कुल 74 प्राथमिकी दर्ज की है. बिहार के विभिन्न जिलों सहित पटना से अब तक 150 गिरफ्तारियां की गई हैं. सिपाही भर्ती परीक्षा प्रकरण मामले में किसी भी स्तर के लोग शामिल हो वो नहीं बचेंगे. इओयू की टीम की जांच जारी है. गिरफ्तार लोगों से कई अहम जानकारियां मिली है. जिसमें परीक्षा में सेटरों और माफिया का लिंक खंगाला जा रहा है. जल्द सभी गिरफ्त मे होंगे."-जेएस गंगवार, एडीजी मुख्यालय
दूसरी पाली में बरामद हुआ था आंसर की: बताते चले कि बीते 1 अक्टूबर को केन्द्रीय चयन पर्षद सिपाही भर्ती परीक्षा दो पालियों का आयोजन हुआ था. इसमें दूसरी पाली के परीक्षार्थियों के पास से आंसर की बरामद हुआ था. इस मामले में पटना के कंकड़बाग थाने में मोनू उर्फ मनु सहित 6 की गिरफ्तारी के बाद एक बिहार पुलिस के जवान कमलेश को नालंदा से गिरफ्तार किया गया था. उसे निलंबित कर दिया गया है और जेल भेज दिया गया. वहीं अब उसे बर्खास्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.