पटना: गुरुवार को राष्ट्रीय जनता दल कार्यालय में बिहार छात्र आंदोलन के 47वें वर्षगांठ पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी, पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दकी और तेज प्रताप यादव सहित कई लोग मौजूद रहे. इस दौरान जेपी आंदोलन में छात्र की भूमिका पर चर्चा की गई.
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छात्र आंदोलन
बिहार में जेपी आंदोलन को छात्र आंदोलन में बदलने की शुरुआत 18 मार्च 1974 से हुई थी. आज के ही दिन 1974 में हजारों छात्र जेपी के आंदोलन में शामिल हुए थे. जिसमें राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवरी, पूर्व मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी और श्याम रजक भी इस आंदोलन में जेपी के साथ थे.
आज भी परिवर्तन की दरकार, फिर हो छात्र आंदोलन
पूर्व मंत्री श्याम रजक ने कहा, "जेपी आंदोलन से ही सत्ता परिवर्तन हुआ था और नई सरकार बनी थी. आज फिर से देश मे भ्रष्टाचार और मंहगाई चरम पर है. इसको लेकर आम जन परेशान है. लोगों की बात सरकार नहीं सुन रही है. जरूरत है कि छात्र फिर से सरकार के खिलाफ ऐसे आंदोलन की आगाज करे, जिससे शिक्षा व्यवस्था के सुधार से लेकर मंहगाई और भ्रष्टाचार पर रोक लगाया जा सके."
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जेपी के आदर्शों पर पार्टी ने की चलने की बात
वहीं जेपी आंदोलन के अगुआ रहे अब्दुल बारी सिद्दकी ने भी जेपी आंदोलन की चर्चा की और वर्तमान सरकार पर भ्रष्टाचार और मंहगाई को लेकर कई आरोप लगाए. साथ ही कहा कि जेपी के आदर्शों की रक्षा हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव आज भी कर रहे है और गरीबों के हक की लड़ाई पार्टी लागातर लड़ रही है.