बिहार

bihar

ETV Bharat / state

Lockdown 4.0: आज 46 ट्रेनें आएंगी बिहार, 42 हजार 900 प्रवासियों की होगी राज्य वापसी

बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच प्रवासियों के आने का सिलसिला जारी है. कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन से उत्पन्न हालात के बाद सरकार के किए जा रहे कार्यों की जानकारी देते हुए सूचना सचिव अनुपम कुमार ने कहा कि रोजगार सृजन सरकार की प्राथमिकता में ऊपर है.

इमेज
इमेज

By

Published : May 29, 2020, 7:36 AM IST

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव और अन्य वरीय अधिकारियों के साथ कोरोना वायरस को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वैसे प्रवासी जो बिहार लौट आए हैं लेकिन बिहार में बैंक खाता नहीं है. जिसके कारण उन्हें करकार की तरफ से दी जाने वाली राशि का लाभ नहीं मिल पाया है. तो उनका बैंक खाता खुलवाकर राशि दी जाए.

वहीं, वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सूचना जन-सम्पर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार, स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह और पुलिस मुख्यालय से ए.डी.जी जितेन्द्र कुमार ने कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन से उत्पन्न हालात के बाद सरकार के किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में वापस लौटे श्रमिकों का क्वारंटीन पीरियड खत्म होने के बाद डिस्चार्ज किया गया है.

प्रवासी श्रमिकों के लिए नया कानून बनाने की जरूरत
इस बीच, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने 40 साल पुराने कानून को नए सिरे से परिभाषित कर उसका कड़ाई से पालन कराने की मांग की है. सुशील मोदी का कहना है कि अंतरराज्यीय प्रवासी मजदूर एक्ट-1979 का पालन सही से नहीं होने से मजदूरों को परेशानी का सामना करना पड़ा है.

'कानून का पालन सही से किया गया होता तो...'
सुमो ने कहा कि अगर श्रमिकों के लिए बनाए गए कानून का पालन सही से किया गया होता तो देश के एक राज्य से दूसरे राज्यों में पलायन करने वाले करोड़ों मजदूरों को फजीहत का सामना नहीं करना पड़ता. प्रवासी मजूदरों को घर आने-जाने के लिए रेल किराया, उनके बीमार होने पर इलाज, दवा, आवास की व्यवस्था करने के साथ ठंड के समय गर्म कपड़े देने का नियम है. इसके साथ ही कानून का पालन कराने के लिए संबंधित राज्यों में इंस्पेक्टर नियुक्त किया जाना जरूरी है

लॉकडाउन : ऑफिस जाने वाली महिलाओं के लिए छूट
बिहार में वाहन नहीं चलाने वाली महिलाओं को लॉकडाउन के दौरान राहत मिली है. पटना हाईकोर्ट ने दोपहिया वाहन पर ड्राइव नहीं कर सकने वाली महिला के साथ एक सदस्य को जाने की इजाजत दे है. जनहित याचिका पर यह फैसला जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने सुनाया.

लॉकडाउन उल्लंघन: अब तक 2397 गिरफ्तार
पुलिस मुख्यालय ने लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले पूरे बिहार का आंकड़ा जारी करते हुए बताया कि 24 मार्च से गुरूवार तक कुल 2240 लोगों पर एफआईआर दर्ज किया गया है और 2397 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा 8 हजार 2259 वाहनों को जप्त किया गया है और 19 करोड़ 51 लाख 62 हजार 836 रुपए का फाइन भी वसूला गया है.

लॉकडाउन में बढ़ा जमीन विवाद का मामला
लॉकडाउन के दौरान बिहार में जमीन विवाद का मामला बढ़ता जा रहा है. बिहार में लॉकडाउन के दौरान कैमूर, बांका और गया में भूमि विवाद को लेकर बड़ी घटना घट चुकी है. समाजसेवी अशोक प्रियदर्शी की मानें तो लॉकडाउन के दौरान आम जनता पुलिस के पास नहीं पहुंच पा रही है. इस समय पुलिस करोना मैनेजमेंट में तत्पर है. जिसका लैंड माफिया फायदा उठाकर आम जनता के जमीन को हथियाना चाह रहे हैं.

झारखंड सरकार ने प्रवासियों को दर्दमारा सीमा पर छोड़ा
मुंबई से आये करीब 400 की संख्या में प्रवासी मजदूरों को झारखंड सरकार की तरफ से बांका जिले के दर्ददमारा सीमा पर पहुंचा दिया गया. इसमें से अधिकतर प्रवासी बांका जिले के निवासी थे, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे. यहां इन लोगों ने काफी देर तक हंगामा किया. इसके बाद पुलिस ने सभी को समझाया, फिर कुछ देर बाद सभी को पीबीएस कॉलेज बांका भेज दिया गया.

मधुबनी: क्वारंटीन सेंटर छोड़कर भाग रहे प्रवासी मजदूर
मधुबनी जिले के लौकही प्रखंड के युवा कन्या मध्य विद्यालय सोहपुर में बने क्वारंटीन सेंटर में रहने वाले मजदूरों ने जमकर हंगामा किया. उन लोगों ने क्वारंटीन सेंटर पर कुव्यवस्था के लिए सीएम नीतीश कुमार और आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे भी लगाए. वहीं, क्वारंटीन सेंटर पर किसी भी चीज की समुचित व्यवस्था नहीं होने के आरोप लगाए.

सारण: लॉकडाउन में बाहर से आए प्रवासी ना हों परेशान
बाहर से आ रहे प्रवासियों को उनके गृह जिले में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन लगातार काम कर रहा है. इसी को लेकर जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि बाहर से आये सभी प्रवासियों का एक पोर्टल पर निबन्धन कराया जा रहा है. जो बाहर से आये हैं और यहां रोजगार की तलाश में हैं, उन्हें यहीं रोजगार देने की कोशिश की जा रही है.

लॉकडाउन : कुछ तो करो सरकार, भूखे हैं शिल्पकार
लॉकडाउन में शादी-विवाह और सगाईयों पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. ऐसे में दूल्हे के सेहरा को सुहाना बनाने वाले हस्तकला शिल्पकारों की जिंदगी बदरंग हो गयी है.

जीविका दीदीयों ने चुनौती को किया अवसर में तब्दील
कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान नालंदा जिला में जीविका की दीदीयों ने मास्क निर्माण कार्य शुरू किया है. इस महामारी की चुनौती को स्वीकार करते हुए ये अब तक 2 लाख मास्क का निर्माण कर चुकी है. जिसे लगातार इनकी ओर से क्वॉरेंटाइन सेंटर भेजा रहा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details