पटना:बिहार में साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud Cases in Bihar) के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार ने निर्णय लिया है कि बिहार में 44 साइबर थाना खोला जाएगा. यह साइबर थाना बिहार के 38 जिले के अलावे दो पुलिस जिला और चार रेल जिला में खुलेगा, जिसमे हर थाने में एक इंस्पेक्टर होंगे जिसकी नियुक्ति जिले के पुलिस अधीक्षक करेंगे. यही नहीं पहली बार साइबर डीआईजी पद का भी निर्माण किया गया है. राज्य सरकार के द्वारा हाल ही में 405 नए पद के सृजन की स्वीकृति प्रदान की गई है. इन थानों में सिर्फ साइबर से जुड़े मामले ही दर्ज होंगे जिससे कहीं ना कहीं अन्य थानों में दर्ज होने होने वाले साइबर फ्रॉड के मामले का बोझ कम होगा.
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Cyber Crime in Bihar: साइबर फ्रॉड पर लगेगी रोक! राज्य में खुलेंगे 44 नए साइबर थाने, इंस्पेक्टर की होगी नियुक्ति - मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
बिहार में साइबर अपराध की वारदात (Cyber Crime in Bihar) लगातार बढ़ती नजर आ रही हैं. इसे देखते हुए बिहार सरकार ने फैसला किया है कि राज्य में 44 साइबर थानों निर्माण किया जाएगा. यह साइबर थाना 38 जिलों के अलावे दो पुलिस जिला और चार रेल जिला में भी खोला जाएगा. आगे पढ़ें पूरी खबर...
बचेंगे 30 साइबर क्राइम एवं सोशल मीडिया यूनिट: बता दें कि आर्थिक अपराध इकाई साइबर फ्रॉड से जुड़े मामले को लेकर नोडल एजेंसी है. बिहार में फिलहाल अभी साइबर थानों की व्यवस्था नहीं है. इसकी जगह आर्थिक अपराध इकाई के अधीन सभी जिलों में 74 साइबर क्राइम एवं सोशल मीडिया यूनिट (सीसीएसएमयू) की स्थापना की गई थी. पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार के अनुसार, इन सीसीएसएमयू को ही साइबर थानों में बदल दिया जाएगा. बड़े जिलों में तीन से चार जबकि छोटे जिलों में एक और दो सीसीएसएमयू कार्यरत हैं. 44 साइबर थाने खुलने के बाद लगभग 30 सीसीएसएमयू ही बच जाएंगे. खबर यह भी है कि 26 फरवरी को मिथिलेश स्टेडियम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा विधिवत इसका उद्घाटन भी किया जा सकता है.
बढ़े रहे हैं साइबर फ्रॉड के मामले: बिहार ही नहीं पूरे देश में कोरोना महामारी के बाद जिस तरह से आम लोग डिजिटल एरा की ओर बढ़ रहे हैं कहीं ना कहीं साइबर फ्रॉड के मामलों में भी लगातार वृद्धि हो रही है. यही कारण है कि पिछले साल 2022 में साइबर ठगी के सबसे ज्यादा 43987 मामले बिहार में दर्ज किए गए थे. जिसमें 2022 में साइबर अपराधियों ने बिहार के लोगों से ₹74 करोड़ की ठगी की थी. बिहार में कहीं ना कहीं औसतन 144 लोग रोज ठगे जाते हैं. यानी कि हर घंटे लगभग 6 लोग साइबर फ्रॉड के जाल में फस कर अपने पैसों को गवाते हैं. बता दें कि पुलिस मुख्यालय के अनुसार हाल ही में राज्य सरकार ने कुल 405 नए पदों के सृजन की स्वीकृति दी है.