बिहार

bihar

ETV Bharat / state

बिहार में लाइसेंसी हथियारों से होती है 40 प्रतिशत हत्याएं - patna news

गृह विभाग की ओर से लाइसेंसी हथियारों की पूरी जांच करने का निर्देश दिया गया है. इसमें अगर किसी व्यक्ति के नाम पर 2 या उससे अधिक लाइसेंस है, तो उसकी जांच कर उसे रद्द करने की कार्रवाई करने के लिए कहा गया है.

licance
licance

By

Published : Jul 3, 2020, 6:49 AM IST

पटनाः बिहार चुनाव के मद्देनजर पुलिस और गृह विभाग की ओर से बैठक के दौरान यह बात सामने आई है कि बिहार में हत्या की जितनी भी वारदातें होती हैं. उनमें तकरीबन 40 प्रतिशत मामलों में लाइसेंसी हथियार का उपयोग होता है. वर्चस्व को लेकर होने वाली फायरिंग में भी लाइसेंसी हथियार का इस्तेमाल बड़ी संख्या में होता है. जिसको लेकर गृह विभाग की ओर से हथियारों की नियमित जांच और उसका पूरा विवरण तैयार किया जा रहा है.

हथियारों के नियमित जांच का निर्देश
गृह विभाग ने हथियारों के नियमित जांच और इसका पूरा विवरण तैयार करने का निर्देश जारी किया है. गौरतलब है कि सरकार ने पहले से ही राज्य के सभी लाइसेंसी हथियारों को 16 अंक का यूनिक आईडी नंबर जारी करने का काम जारी कर रखा है.

देखें पूरी रिपोर्ट

हत्या की वारदात में लाइसेंसी हथियारों का उपयोग
गृह विभाग की ओर से लाइसेंसी हथियारों की पूरी जांच करने का निर्देश दिया गया है. इसमें अगर किसी व्यक्ति के नाम पर 2 या उससे अधिक लाइसेंस है, तो उसकी जांच कर उसे रद्द करने की कार्रवाई करने के लिए कहा गया है. पुलिस मुख्यालय के मुताबिक आरा, बक्सर, गोपालगंज, सारण, रोहतास और मुंगेर समेत ऐसे अन्य जिलों में जहां लाइसेंसी हथियार की संख्या अन्य जिलों की तुलना में अधिक है. उन जिलों में हत्या की वारदात में इसका उपयोग भी ज्यादा होता है.

हथियार और गोली का पूरा वेरिफिकेशन कराने का निर्देश
बिहार के आरा जिला समेत दूसरे जिला में ज्यादा लाइसेंसी हथियार वाले लाइसेंसधारियों को अपने हथियार और गोली का पूरा वेरिफिकेशन कराने को कहा गया है. अगर किसी ने गोली छोड़ी है, तो उसका खोखा भी दिखाना अब अनिवार्य होगा और उस लाइसेंसधारी को यह भी बताना होगा कि उसने इसका उपयोग कहां किया है.

पुलिस मुख्यालय की मानें तो जिस लाइसेंसी हथियार का उपयोग हत्या समेत किसी अन्य वारदात में होता है, तो उसे तुरंत रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है. आर्म्स लाइसेंस के सत्यापन और इससे देने या रद्द करने का अधिकार जिला प्रशासन का है, उनके स्तर से लेकर कार्रवाई की जाती है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details