पटनाः विद्यापति भवन पटना में इग्नू का 35वां दीक्षांत समारोह आयोजित (35th Convocation of IGNOU at Vidyapati Bhawan Patna) किया गया. मंगलवार को इग्नू पटना रीजनल सेंटर की ओर से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया. मुख्य समारोह नई दिल्ली में आयोजित था. जबकि इग्नू के सभी रीजनल सेंटर की ओर से भी दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. इसी कड़ी में विद्यापति भवन में समारोह आयोजित कर इग्नू के विभिन्न कोर्सेज के 454 छात्र छात्राओं को उनका डिग्री और सर्टिफिकेट प्रदान किया गया.
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454 स्टूडेंट्स को सर्टिफिकेटः इस दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर नालंदा खुला विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रख्यात गणितज्ञ प्रोफेसर केसी सिन्हा और विशिष्ट अतिथि के तौर पर शहर की मेयर सीता साहू मौजूद रहे. मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि के साथ इग्नू के क्षेत्रीय निदेशक डॉ अभिलाष नायक ने मिलकर समारोह में मौजूद सभी 454 छात्र छात्राओं को बारी-बारी से डिग्री और सर्टिफिकेट प्रदान की. मास्टर्स, बैचलर्स, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स के छात्र छात्राओं को समारोह में पासिंग आउट सर्टिफिकेट प्रदान किया गया.
पटना रीजनल सेंटर में भी दिए गए सर्टिफिकेटः दीक्षांत समारोह कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए इग्नू पटना के क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर अभिलाष नायक ने बताया कि इग्नू का 35वां दीक्षांत समारोह में देशभर में कुल 2,91,588 छात्र छात्राओं को विभिन्न विषयों में डिग्री और डिप्लोमा सर्टिफिकेट प्रदान की गई है. वहीं पटना रीजनल सेंटर से 11,845 छात्र-छात्राओं को उनका डिग्री और सर्टिफिकेट प्रदान किया गया है, जिसमें स्नातकोत्तर कोर्स के 5,932 छात्र-छात्राएं, स्नातक कोर्स के 4,616 छात्र-छात्राएं, सर्टिफिकेट कोर्स के 547 छात्र-छात्राएं और डिप्लोमा के 750 छात्र-छात्राएं शामिल हैं.
बढ़ गई है जिम्मेदारीः इनमें से कुल 454 छात्र छात्राओं को दीक्षांत समारोह में बुलाकर व्यक्तिगत रूप से उन्हें उनका डिग्री और सर्टिफिकेट दिया गया है. डॉक्टर अभिलाष नायक ने कहा कि जिस प्रकार से केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय की तरफ से नया नियम बना है कि अब छात्र 2 डिग्री एक साथ प्राप्त कर सकते हैं. ऐसे में डिस्टेंस एजुकेशन का महत्व और अधिक बढ़ गया है. डिस्टेंस एजुकेशन का महत्व बढ़ने के साथ ही उन लोगों की जिम्मेदारी और जवाबदेही भी बढ़ गई है.
महिलाओं की पढ़ाई में नहीं हो रही दिक्कतः उन्होंने बताया कि बीते कुछ दिनों में डिस्टेंस एजुकेशन के प्रति बिहार में लोगों का रिस्पांस काफी बढ़ा है. विगत 4 वर्षों में ही पटना क्षेत्रीय कार्यालय में छात्रों की संख्या दोगुनी हो गई है. उन्होंने बताया कि इग्नू से सर्टिफिकेट प्राप्त करने वालों में डिग्री कोर्स की बात करें तो छात्राओं और महिलाओं की संख्या अधिक है. वह महिलाएं जो पढ़ाई करने की इच्छा जाहिर की हुई थी और शादी होने और बच्चे होने जैसी परिस्थितियों के कारण पढ़ाई पूरी नहीं कर पाई थी, वह अब अपनी आगे की पढ़ाई पूरी कर रही हैं. उन्होंने बताया कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग भी इग्नू से जुड़ रहे हैं और यहां से डिग्री प्राप्त कर रहे हैं और इग्नू इस उक्ति को सार्थक कर रहा है कि पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती.
डिग्री एक कागज का टुकड़ा भर नहींः वहीं कार्यक्रम की मुख्य अतिथि और नालंदा खुला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर केसी सिन्हा ने कहा कि दीक्षांत समारोह का दिन छात्र-छात्राओं के जीवन का एक बेहद महत्वपूर्ण दिन होता है. यहां से छात्र-छात्राएं डिग्री प्राप्त करते हैं तो यह डिग्री सिर्फ एक कागज का टुकड़ा भर नहीं होता, बल्कि वर्षों के परिश्रम का परिणाम होता है और डिग्री प्राप्त करने के बाद समाज और परिवार के प्रति उनकी जिम्मेदारी और जवाबदेही और अधिक बढ़ जाती है. उन्होंने कहा कि 1 डिग्री प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं और चाहेंगे कि छात्र-छात्राएं जिस भी फील्ड में जाएं, बेहतर करें और अपने परिवार की सेवा करें. साथ ही साथ पूरे समाज की सेवा करें.
बेहतर है डिस्टेंस एजुकेशनः प्रोफेसर डॉक्टर केसी सिन्हा ने कहा कि डिस्टेंस एजुकेशन का महत्व ही है कि जो लोग किसी कारण अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए हैं. वह उम्र की बाधा को पीछे छोड़कर अपनी पढ़ाई पूरी कर सके. डिस्टेंस एजुकेशन गरीब और निम्न आय वर्ग के लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है. क्योंकि इसके माध्यम से छात्र-छात्राएं नौकरी करने के साथ-साथ उच्च शिक्षा और विभिन्न विधाओं में कौशल प्रमाण पत्र हासिल कर सकते हैं.
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