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लॉकडाउन: 1.20 लाख प्रवासी मजदूरों की हुई वापसी, आज 24 ट्रेनों से 30 हजार लोग आएंगे बिहार - लॉकडाउन के कारण पर्यटन उद्योग पर पड़ा बुरा असर

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि दूसरे राज्यों से जो प्रवासी श्रमिक बिहार आना चाहते हैं, उन्हें बसों से लाने की भी व्यवस्था करें.

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Published : May 13, 2020, 7:28 AM IST

पटना:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को फिर से लॉकडाउन को बढ़ाने की घोषणा की है. 18 मई से पहले इसके स्‍वरूप का एलान किया जाएगा. इस बीच कोरोना संक्रमण के इस दौर में प्रवासी मजदूरों के बिहार लौटने का सिलसिला जारी है. अन्य राज्यों में काम करने गए 1 लाख 20 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूर अब तक विशेष ट्रेनों से लौट चुके हैं.

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने मंगलवार को बताया कि बुधवार को 24 विशेष ट्रेनें यहां पहुंचेंगी, जिससे 30,348 लोग आएंगे. अब तक कुल 104 ट्रेनें बिहार आ चुकी हैं, जिसके माध्यम से 1 लाख 20 हजार 131 लोग बिहार के बाहर से आए हैं. 160 ट्रेनों को शिड्यूल किया गया है. इस प्रकार कुल 284 ट्रेनों से 3 लाख 31 हजार 623 लोग बिहार पहुंचेंगे.

लॉकडाउन में बिहार पुलिस की सख्ती
पुलिस मुख्यालय ने लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले लोगों का आंकड़ा जारी करते हुए बताया कि दिनांक 24 मार्च से 12 मई तक कुल 1991 लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई और 2008 लोगों की गिरफ्तारी की गई है. इस दौरान 66,849 वाहनों को जब्त किया गया है और 15,24,57,014 रुपए का फाइन लगाया गया है. सिर्फ 12 मई को पूरे बिहार में 19 एफआईआर और 15 लोगों की लॉकडाउन उल्लंघन मामले में गिरफ्तारी हुई है.

विदेशों में फंसे प्रवासियों की होगी वापसी
अलग अलग देशों में फंसे प्रवासियों की वापसी को लेकर प्रशासनिक तैयारियां लगभग पूरी कर ली गयी है. इसको लेकर गया इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर तैयारियों का मॉक ड्रिल किया गया. इसमें एयरपोर्ट अथॉरिटी, एयर इंडिया के कर्मी, सीआईएसएफ, राज्य सरकार के प्रतिनियुक्त अधिकारी, स्वास्थ्य कर्मी, आदि विभागों के लोग शामिल हुए.

मनरेगा में मशीनों का इस्तेमाल करने वालों पर गिरेगी गाज
मनरेगा में मशीनों का इस्तेमाल करने वाले मुखिया या बीडीओ पर गिरेगी गाज. इस संबंध में ग्रामीण विकास विभाग ने राज्य के सभी डीडीसी को सख्त दिशा निर्देश जारी किया है. वहीं, बिहार सरकार के मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि कई जिलों से मनरेगा मजदूरी में मशीनों के प्रयोग की शिकायतें आ रही है. इसकी जांच के लिए डीडीसी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है, जो रिपोर्ट सौपेगी.

Lockdown 3.0 में खुले गाड़ियों के शो-रूम
राज्य सरकार के निर्देश के बाद राजधानी समेत बिहार के सभी जिलों में वाहनों के शोरूम खोलने का निर्देश जारी किया गया है. इसके मद्देनजर सोमवार से पटना के सभी शोरूम और सर्विस सेंटर खुल रहे हैं. कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान सरकार के दिए गए निर्देशों का शोरूम में पालन भी किया जा रहा है. आम लोगों के शोरूम में घुसने से पहले उनके हाथों को सैनिटाइज किया जा रहा है.

लॉकडाउन में नशा पर पाबंदी
कोरोना काल में सरकार ने कई अन्य तरह की नशा पर भी पाबंदी लगा दी है. बिहार सरकार ने तंबाकू, खैनी और गुटखा खाकर सार्वजनिक जगहों पर थूकने पर प्रतिबंध लगा दिया है. अब ऐसा करने पर छह महीने की जेल या जुर्माना देना पड़ सकता है.

कपड़ा कारोबारियों की गुहार
राजधानी पटना के अनिशाबाद स्थित पंजाबी कॉलोनी के कपड़ा व्यवसायी काफी परेशान है. कपड़ा व्यवसायी गुरमीत सिंह समेत कई अन्य व्यवसाइयों ने बताया कि वे लोग बंदी के वजह से काफी परेशान है. उन्होंने जिला प्रशासन और राज्य सरकार से कई बार बात करने कि कोशिश की. लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नहीं है.

महिलाओं को जीविका ने दिया जीने का सहारा
दरभंगा के बहादुरपुर प्रखंड के अझौल गांव में जीविका समूह की एक दर्जन से ज्यादा महिलाएं मशरूम की खेती और अगरबत्ती निर्माण कर के अपने परिवार को चला रही थी. लेकिन लॉक डाउन के कारण इनका व्यापार पूरी तरह से चौपट हो गया और इनके समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई. ऐसे में इन महिलाओं के पास जीविका की ओर से मास्क निर्माण कार्य का ऑफर आया और इन लोगों का फिर से दिन बदल गया.

लॉकडाउन के कारण पर्यटन उद्योग पर पड़ा बुरा असर
नालंदा में जीविका का प्रमुख साधन पर्यटन उद्योग माना जाता है. यहां बड़ी संख्या में देश और विदेश से सैलानी आते हैं, जिसके कारण हजारों परिवार का रोजी रोटी इस पर्यटन उद्योग से ही चलता है. लॉकडाउन के कारण पर्यटन उद्योग पर बुरा असर पड़ा है और इस उद्योग से जुड़े लोगों के रोजी रोजगार के समक्ष संकट उत्पन्न कर दिया है.

पटना के योगेश ने बनाया कोरोना मुक्त घर
कोरोना महामारी के दौरान राजधानी पटना के पटेल नगर के निवासी योगेश कुमार ने अपनी बेटी के साथ मिलकर अपने परिवार के साथ-साथ पूरे अपार्टमेंट को कोरोना मुक्त बना दिया है. योगेश खुद सेंट्रल गवर्नमेंट के कर्मचारी हैं. लॉक डाउन के दौरान छुट्टी में अपने घर आई बेटी जो कि बीटेक की स्टूडेंट है. उनके साथ मिलकर खासतौर पर घर में यूज होने वाले सामानों से अपने परिवार के साथ-साथ पूरे अपार्टमेंट को सुरक्षित कर लिया है.

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