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लोकसभा और विधानसभा की तर्ज पर पंचायत चुनाव कर्मियों की मौत पर मिलेगा 30 लाख - कैबिनेट की बैठक

राजधानी में सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई. बैठक में कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि पंचायत चुनाव कार्य के दौरान अगर किसी मतदान कर्मी की मृत्यु होती है तो उनके आश्रितों को मुआवजे के तौर पर 30 लाख और 15 लाख रुपए अनुदान राशि दी जाएगी.

पटना
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Published : Mar 31, 2021, 3:31 PM IST

पटना:राजधानी में सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक हुई. इसमें 35 एजेंडों पर मुहर लगी है. वहीं, बैठक में लोकसभा और विधानसभा की तर्ज पर अब राज्य में होने वाले पंचायत चुनाव के दौरान हिंसात्मक घटनाओं, दुर्घटना और कोरोना के कारण मृत्यु होने पर मतदान कार्य में तैनात कर्मियों को 30 लाख मिलने की बात कही गई. कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि पंचायत चुनाव कार्य के दौरान अगर किसी मतदान कर्मी की मृत्यु होती है तो उनके आश्रितों को मुआवजे के तौर पर 30 लाख और 15 लाख रुपए अनुदान राशि दी जाएगी.

ये भी पढ़ें-CM नीतीश की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक, 35 एजेंडों पर लगी मुहर

'मतदान कर्मियों की तैनाती के दौरान उग्रवादी या हिंसात्मक हमले में मृत्यु होगी तो 30 लाख रुपए अनुग्रह अनुदान राशि दी जाएगी. सरकार ने रोड माइंस, बम विस्फोट और हथियारों से हमले को उग्रवादी और हिंसात्मक घटनाओं की श्रेणी में रखा है. वहीं, अगर किसी कर्मी की मृत्यु कोरोनावायरस मन के कारण होता है तो उनके आश्रितों को भी 30 लाख मुआवजा दी जाएगी. संजय कुमार ने बताया करोना संक्रमण की पुष्टि संबंधित जिला के डीएम की ओर से की जाएगी.'-संजय कुमार, अपर मुख्य सचिव

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

15 लाख का दिया जाएगा मुआवजा
वहीं, इस तरह की घटना में अगर किसी मतदान कर्मी के अंग भंग या विकलांग होता है तो उन्हें 15 लाख मुआवजा दिया जाएगा. मतदान कार्य में तैनात कर्मियों की मृत्यु अगर सामान्य कारण से होती है तो उनके आश्रितों को 15 लाख रुपये अनुदान राशि दी जाएगी. किसी दुर्घटना के कारण सामान्य दुर्घटना के कारण विकलांग होते हैं तो 750000 दिया जाएगा. यह फैसला बिहार के कैबिनेट बैठक में लिया गया.

दायरे में हैं ये कर्मी
बता दें कि मतदान कार्य में सरकार की ओर से प्रतिनियुक्त सभी कर्मचारी पर यह नियम लागू रहेगा. इसमें पीठासीन पदाधिकारी, मतदान पदाधिकारी, दंडाधिकारी, ईवीएम इंजीनियर, पुलिसकर्मी, होमगार्ड के जवान, ग्राम रक्षा दल के सदस्य, चौकीदार, वाहन चालक और केंद्रीय सुरक्षा बलों के सदस्यों को इस दायरे में रखा गया है.

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