पटना: राजधानी स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में गुरूवार को 79 ब्लड सैंपल का जांच किया गया. जिसमें से 3 मरीजों की रिपोर्ट जांच पॉजिटिव में आए हैं. इसको लेकर संस्थान के मेडिकल सुपरिटेंडेंट मनीष मंडल ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों में 2 गोपालगंज जिले से हैं और एक सिवान जिले के रहने वाला है. उन्होंने बताया कि तीनों मरीज विदेश की यात्रा वापस कर बिहार आए थे.
आईजीएमएस में इमरजेंसी सेवाएं हैं बंद
मेडिकल सुपरिटेंडेंट मनीष मंडल ने बताय कि जांच में पॉजिटिव पाए गए तीनों मरीजों की गल्फ कंट्री ट्रैवल हिस्ट्री है. फिलहाल, तीनों मरीज अपने-अपने जिले के अस्पताल में भर्ती हैं. बता दें कि दिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान पहले कोरोना के मरीजों को भर्ती किया जाता था. संस्थान में आइसोलेशन वार्ड भी खोला गया था. लेकिन अभी सभी को बंद कर दिया गया है. लॉकडाउन के दौरान अस्पताल में इमरजेंसी सेवाएं बंद कर दी गई थी. लेकिन, ओपडी के मरीजों की परेशानी को देखते हुए अस्पताल में टेलीमेडिसिन की सुविधा उपलब्ध शुरू की गई है.
'वीडियो कॉलिंग के जरीए हो रहा इलाज'
इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के मेडिकल सुपरिटेंडेंट मनीष मंडल ने कहा कि ओपीडी बंद हो जाने के बाद बिहार के विभिन्न जिलों से मरीज और उनके परिजनों का लगातार फोन आ रहा था. समान्य मरीज इलाज के लिए परेशान थे. उन्होंने बताया कि संस्थान में प्रतिदिन तीन हजार से ज्यादा मरीज ओपीडी में इलाज करवा रहा थे. लॉक डाउन होने से मरीजों को काफी दिक्कतें हो रही थी. इसीलिए स्वास्थ्य विभाग ने यह टेलीमेडिसिन सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया. इसके तहत मरीजों का सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म जैसे व्हाट्सएप और वीडियो कॉलिंग के जरिए लगातार मरीजों की समस्याओं को सुनकर डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं.
'शाम के 4 बजे तक उपलब्ध रहेंगे डॉक्टर'
मेडिकल सुपरिटेंडेंट मनीष मंडल ने बताया कि इस सेवा के शुरू होते ही प्रदेश के विभिन्न जिले से सैकड़ों फोन आना शुरू हो गया. लोगों का इलाज फोन के माध्यम से शुरू कर दिया गया है. यह सुविधा सुबह के 10 बजे से लेकर शाम के 4 बजे तक प्रतिदिन उपलब्ध रहेगी. प्रत्येक दिन अलग-अलग विभाग के डॉक्टर फोन के माध्यम से लोगों की परेशानी सुनकर उनका इलाज करेगें. उन्होंने बताया कि इस सुविघा के शुरू होने के बाद बिहार के जनता खासकर दुर-सुदूर ग्रामीण इलाके को लोगों को काफी फायदा पहुंचेगा.