पटना:बिहार में कोरोना संक्रमण के हालात आए दिन बिगड़ते जा रहे हैं और मंगलवार के दिन रिकॉर्ड 4157 नए संक्रमित सामने आए, जिसमें से राजधानी पटना में 1205 नए संक्रमित मिले. राजधानी पटना के सरकारी अस्पतालों में कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है और संक्रमण बेकाबू होता नजर आ रहा है.
बिहार के सरकारी अस्पतालों में जब डॉक्टरों से कोरोना की स्थिति नहीं संभली तो सरकार के गृह विभाग की ओर से पटना के 3 बड़े अस्पताल पीएमसीएच, एनएमसीएच और पटना एम्स में 3 आईएएस अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की है, जो अस्पताल में कोरोना से संबंधित सुविधाओं पर नजर रखेंगे.
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ग्रामीण विकास विभाग के अपर सचिव राजीव रोशन को पीएमसीएच, समाज कल्याण विभाग के निदेशक राजकुमार को एम्स और उद्योग विभाग में निदेशक पंकज दीक्षित को सरकार ने एनएमसीएच में प्रतिनियुक्त किया है. स्वास्थ्य विभाग की माने तो यह तीनों अधिकारी अस्पताल में कोरोना मरीजों की भर्ती, डिस्चार्ज और इलाज से लेकर तमाम मसलों को लेकर स्वास्थ्य विभाग को अपडेट देते रहेंगे. पटना में सरकारी अस्पतालों की स्थिति बदतर हो गई है. सभी अस्पतालों में बेड फूल हो गए हैं और कोरोना मरीज प्राइवेट अस्पताल में एडमिट होने के लिए लाचार हैं.
यह तीनों आईएएस अधिकारी के माध्यम से सरकार कोरोना संक्रमितों और उन को दी जाने वाली सुविधाओं पर निगरानी रखेंगे. अगर अस्पताल में कोरोना से किसी मरीज की मौत होती है तो उसके बॉडी के डिस्पोजल की जिम्मेदारी भी इन आईएएस अधिकारियों को ही दी गई है.
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दरअसल, बीते दिनों पीएमसीएच में जीवित को मृत बताकर गलत डेड बॉडी दे देने का जब मामला प्रकाश में आया तो सरकार की काफी किरकिरी हुई. लगातार विभिन्न कोरोना केयर सेंटर से सरकार को यह शिकायत मिल रही थी कि जो नोडल पदाधिकारी बनाए गए हैं. वह अपने काम को गंभीरता से नहीं कर रहे हैं. इसके बाद सरकार ने यह फैसला लिया है.