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पटनाः PMCH में 3 मरीजों की रिपोर्ट आई नेगेटिव, गुलाब देकर किया गया विदा

कोविड-19 केयर सेंटर के प्रभारी ने कहा कि जो कोरोना मरीज निजी अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं. उन्हें पीएमसीएच आ जाना चाहिए. यहां सरकार की ओर से इलाज के साथ-साथ खाने-पीने की भी बेहतर व्यवस्था की गई है.

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Published : Aug 13, 2020, 7:48 AM IST

पटना:राजधानी स्थित पीएमसीएच में 108 बेडों वाले कोविड-19 सेंटर में वर्तमान में 45 मरीज एडमिट हैं. बुधवार को तीन मरीजों की रिपोर्ट नेगेटिव आई. जिसके बाद उन्हें घर भेज दिया गया. चिकित्सकों ने गुलाब का फूल देकर विदा किया.

88 हो चुके हैं स्वस्थ
पीएमसीएच के कोविड-19 केयर सेंटर के प्रभारी सह अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. अरुण अजय ने बताया कि वर्तमान में अस्पताल में कोरोना के 45 मरीज एडमिट हैं. उन्होंने बताया कि अस्पताल में कोविड-19 केयर सेंटर खुले 1 महीना भी नहीं हुआ, मगर अब तक 88 पेशेंट यहां से स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं. यहां कई ऐसे बुजुर्ग मरीज भी पहुंचे जो लगभग सभी प्राइवेट अस्पतालों का चक्कर काट कर आए थे. जिन्हें बेड खाली नहीं होने के कारण वहां एडमिट नहीं लिया गया था.

देखें रिपोर्ट.

ऐसे ही एक मरीज समस्तीपुर के जितेंद्र कुमार (74) जब ठीक होकर घर लौटने लगे तो उनकी आंखों में आंसू आ गए. उन्होंने कहा कि यहां जो व्यवस्था उन्हें मिली वह कभी कल्पना नहीं किए थे. उन्होंने बताया कि पीएमसीएच में आने से पहले एक आम धारणा बनी हुई थी कि यहां जगह नहीं मिल पाएगी, लेकिन जितना अच्छा देखभाल यहां हुआ ऐसा और कहीं नहीं हो पाता.

बेड पर कॉल बेल की सुविधा
डॉ. अरुण अजय ने बताया कि पीएमसीएच के लगभग सभी बेड पर कॉल बेल की सुविधा लगा दी गई है और मात्र 14 ऐसे बेड बचे हैं जहां यह कॉल बेल नहीं लगी है. वहां भी जल्द लग जाएगी. उन्होंने बताया कि कोविड-19 वार्ड में डायलिसिस का मशीन इंस्टॉल किया जा रहा है. इसके साथ ही एक्स-रे मशीन भी लगाया जा रहा है ताकि कोविड-19 केयर सेंटर में ही मरीज को बेहतर चिकित्सिय सुविधा का लाभ मिल सके. उन्होंने कहा कि अस्पताल में भी पर्याप्त संख्या में बेड खाली है. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जो मरीज निजी अस्पतलाओं का चक्कर काट रहे हैं. बेड नहीं मिल रहा है. उन्हें पीएमसीएच आ जाना चाहिए. यहां इलाज के साथ-साथ खाने-पीने की भी बेहतर व्यवस्था है. शाकाहारी भोजन करने वालों को रोजाना खीर और मांसाहार खाने वालों को अंडा दिया जा रहा है.

ईटीवी भारत से बात करते डॉ. अरुण अजय, उपाधीक्षक, पीएमसीएच

डॉ. अरुण ने कहा कि इसके साथ ही कोविड-19 वार्ड में एक कमरे में छोटा सा टेंपरेरी मोर्चरी बनाया गया है ताकि किसी कोरोना पेशेंट की वार्ड में मौत हो जाती है तो 5 मिनट के अंदर ही बॉडी वहां से हटाया जा सके. ताकि अन्य पेशेंट पर किसी प्रकार का मानसिक बोझ ना बढ़े.

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