पटना:बिहार में पूर्ण शराबबंदी(Alcohol ban in Bihar) है. लेकिन राजधानी पटना में शराब की तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रही है. बुधवार को पटना जंक्शन (Patna Junction) के प्लेटफार्म नंबर दो पर गाड़ी संख्या 02318 अकाल तख्त एक्सप्रेस के S-8 कोच के शौचालय के पास से भारी मात्रा में अंग्रेजी शराब की बरामदगी हुई.
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रूटीन चेकिंग के दौरान मिली सफलता
पटना जंक्शन पर चेकिंग के दौरान अकाल तख्त एक्सप्रेस से अंग्रेजी शराब और बीयर की 245 बोतलें बरामद की गईं. बता दें कि पटना जंक्शन पर अकाल तख्त एक्सप्रेस में रूटीन चेकिंग के दौरान जीआरपी को यह सफलता मिली. हालांकि इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
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5 साल बाद भी नहीं थमा शराब का कारोबार
लगभग 5 साल से बिहार में शराबबंदी है और लगातार बिहार के कई जिलों में नित्य प्रतिदिन शराब की बरामदगी हो रही है. पुलिस कार्रवाई करती रहती है लेकिन धंधेबाज तरह-तरह के हथकंडे अपनाते रहते हैं. बता दें कि 15 जून को भी एक व्यक्ति को जीआरपी के द्वारा कई गिरफ्तार किया गया था.
शराबबंदी का सफर
- 01अप्रैल 2016 : राज्य में देसी शराब बंद, केवल निगम क्षेत्र में विदेशी शराब.
- 05 अप्रैल 2016 : पूरे राज्य में पूर्ण शराबबंदी होते ही शहरों में भी विदेशी शराब बंद.
- 02 अक्टूबर 2016 : 1915 के आधार पर लागू शराबबंदी के बदले नया कानून.
- 23 जुलाई 2018 : शराबबंदी कानून में सरकार ने पहली बार किए अहम बदलाव.
- अप्रैल 2016 में शराबबंदी कानून लागू
बता दें कि अप्रैल 2016 में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से अब तक बड़ी संख्या में गिरफ्तारियां, मुकदमे और शराब जब्ती की कार्रवाई हुई. इस क़ानून के तहत शुरुआत में घर में शराब पाये जाने पर सभी वयस्कों की गिरफ्तारी और घर को सील करने और वाहन में शराब मिलने पर वाहन जजब्ती और गिरफ्तारी के कड़े प्रावधान थे. सख्त प्रावधानों की आलोचना और कानून के दुरुपयोग के बाद 2018 में इसमें कुछ बदलाव किये गये थे:
⦁ पहली बार पीते हुए पकड़े गए तो तीन महीने की सजा या 50 हजार का जुर्माना.
⦁ दूसरी बार पकड़े गए तो एक से पांच साल तक की सजा और एक लाख तक जुर्माना.