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बिहार चुनाव 2020: सीमांचल के 24 सीटों पर रोचक होगा मुकाबला, महागठबंधन के सामने किला बचाने की चुनौती

बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में सीमांचल क्षेत्र में रोचक मुकाबला होने वाला है. सीमांचल के चार जिले पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज में 24 विधानसभा क्षेत्रों में करीब 60 लाख मतदाता इस बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.

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Published : Oct 31, 2020, 10:51 PM IST

पटना: सीमांचल में महागठबंधन के समक्ष किला बचाने की चुनौती है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की ओर से भी वोट बैंक में सेंधमारी करने की कोशिश जारी है. ओवैसी के मौजूदगी ने मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है. सीमांचल के नतीजे राजनीतिक दलों के भविष्य तय करने वाले हैं.

अल्पसंख्यक मतदाताओं पर नजर
सीमांचल में अल्पसंख्यक वोटरों की तादाद अच्छी खासी है. ऐसा माना जाता है कि अल्पसंख्यक वोटर जिधर जाते हैं पलड़ा उसी का भारी होता है. 2020 में भी अल्पसंख्यक वोटर राजनीतिक दलों के भविष्य तय करेंगे. सीमांचल की राजनीति का ट्रेंड राजद और कांग्रेस गठबंधन के इर्द-गिर्द घूमती है. लेकिन चौका देने वाली बात यह है कि लोकसभा चुनाव में यह मिथ्य टूट गया और पूरे सीमांचल में महागठबंधन के खाते में 1 सीट किशनगंज गई. कांग्रेस पार्टी किशनगंज अपने खाते में करने में कामयाब हुई.

देखें रिपोर्ट...

अल्पसंख्यक वोटरों की ताकत महत्वपूर्ण
लोकसभा चुनाव में अच्छे नतीजों के बावजूद विधानसभा चुनाव में ध्रुवीकरण के चलते नतीजे अलग हो जाते हैं. सीमांचल के 9 प्रखंडों और 218 पंचायतों वाले अररिया में अल्पसंख्यकों की आबादी 41% से अधिक है. किशनगंज में 7 प्रखंड और 126 पंचायतें हैं. यहां भी अल्पसंख्यकों की आबादी अधिक है. लगभग 68 फ़ीसदी जनसंख्या अल्पसंख्यकों की है. कटिहार जिले में अल्पसंख्यकों की आबादी 42% से ऊपर है. 16 प्रखंडों और 238 पंचायतों वाले कटिहार में राजनीतिक दलों के भविष्य अल्पसंख्यक तय करते हैं. पूर्णिया के 14 प्रखंडों और 252 पंचायतों में मुस्लिम आबादी लगभग 37% है. अल्पसंख्यक वोटरों की ताकत यहां भी राजनीतिक दलों के लिए महत्वपूर्ण है.

चितरंजन गगन, आरजेडी नेता

क्या कहते हैं आरजेडी प्रवक्ता
महागठबंधन नेताओं को अल्पसंख्यक वोट बैंक पर ज्यादा भरोसा है और विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की मजबूत स्थिति भी सीमांचल में रहती है. आरजेडी के प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि सीमांचल की ज्यादातर सीटें महागठबंधन के खाते में आएगी. एनडीए को निराशा मिलने वाली है. वहीं, बीजेपी के प्रवक्ता अजफर शम्सी ने कहा है कि पूरे सीमांचल में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की लहर है और हम भारी मतों के अंतर से चुनाव जीतेंगे.

दानिश रिजवान, प्रवक्ता, हम

क्या कहते हैं एनडीए के नेता
हम पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान का कहना है कि सीमांचल का विकास नीतीश कुमार ने किया है. अल्पसंख्यकों के लिए तमाम योजनाएं धरातल पर आई हैं और 5 घंटे में सीमांचल के लोग पटना आ सकते हैं. वहीं, बिहार सराकर के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने कहा है कि नीतीश कुमार ने शराबबंदी कर इस्लाम के मुताबिक काम किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि जल जीवन हरियाली हो या फिर कब्रिस्तान की घेराबंदी, तमाम कल्याणकारी कार्य नीतीश कुमार ने की है, बिहार की जनता किसी के बहकावे में आने वाली नहीं है.

बीजेपी के प्रवक्ता अजफर शम्सी

4 जिलों में 24 सीट
सीमांचल के चार जिलों पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज में 24 विधानसभा है. जहां करीब 60 लाख मतदाता इस बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. लोकसभा चुनाव में जदयू-भाजपा गठबंधन ने सीमांचल में नया राजनीतिक प्रयोग किया था. इस बार नए सियासी समीकरण के साथ चुनाव होंगे.

सीमांचल से तीन मंत्री
सीमांचल से बिहार सरकार में तीन मंत्री भी हैं. इसमें दो पूर्णिया व एक कटिहार जिले से हैं. बनमनखी से बीजेपी विधायक कृष्ण कुमार ऋषि, रूपौली से जेडीयू विधायक बीमा भारती मंत्री है. वहीं, कटिहार के प्राणपुर से भाजपा विधायक विनोद सिंह मंत्री थे, जिनका हाल में ही निधन हो गया.

चार विधानसभा सीटें सुरक्षित
सीमांचल में चार सीटें अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित हैं. पूर्णिया में बनमनखी विधानसभा, अररिया में रानीगंज, कटिहार में कोढ़ा और मनिहारी विधानसभा सीट सुरक्षित हैं.

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