पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार(CM Nitish Kumar) की अध्यक्षता में बुलाई गई मई महीने की पहली कैबिनेट (Nitish Kumar Cabinet Meeting ) की बैठक खत्म हो गई है. बैठक सचिवालय स्थित मंत्रिमंडल कक्ष में आयोजित (Bihar Cabinet Meeting ) की गयी थी. आज की कैबिनेट मीटिंग में कई महत्वपूर्ण एजेंडों पर मुहर लगी. इस बैठक में 18 एजेंडों पर मुहर लगी है.
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नीतीश कैबिनेट के बड़े फैसले:दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के नियंत्रणाधीन उप शास्त्रीय स्तरीय महाविद्यालयों के शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मियों को 1 जनवरी 2016 के प्रभाव से पुनरीक्षित वेतनमान की स्वीकृति दी गई है. बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2016 में प्रावधानों के अलावा अन्य प्रावधानों को जोड़े जाने के बाद बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति (वस्त्र एवं चर्म) 2022 के गठन की स्वीकृति दी गई है. बिहार राज्य आकस्मिकता निधि से ₹50 करोड़ की अग्रिम राशि की स्वीकृति दी गई है .एसडीआरएफ वाहिनी मुख्यालय बिहटा के परिसर में स्थाई संरचना के निर्माण कार्य के लिए 267 करोड़ 24 लाख की स्वीकृति दी गई है.
इन क्षेत्रों पर है सरकार का फोकस:बोधगया में 30 एकड़ भूमि नालंदा इंस्टीट्यूट ऑफ दलाई लामा के पक्ष में 99 वर्षों के पट्टा के लिए मुद्रांक शुल्क चार करोड़ 92 लाख 30000 रुपये एवं निबंधन शुल्क एक करोड़ 64 लाख ₹10हजार यानी कुल 6 करोड़ 56 लाख 40 हजार रूपये की विमुक्ति दी गई है. बिहार सिविल प्रोसिजयोर अमेंडमेंट रूल्स 2022 को अधिसूचित किया गया है. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन संचालित इंजीनियरिंग कॉलेजों में पूर्व से कार्यरत नवनियुक्त एवं नियुक्त होने वाले शिक्षकों की क्षमता निर्माण तथा तकनीकी जानकारी के लिए प्रशिक्षण को लेकर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना तथा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना को नामित किया गया है. बाढ़ में नवस्थापित राजकीय पॉलिटेक्निक के लिए विभिन्न कार्यों के लिए 72 करोड़ 79 लाख रू की प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है.
सात निश्चय योजना के लिए राशि विमुक्ति का आदेश :सात निश्चय के तहत 35 जिलों में स्थापित इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रयोगशाला, पुस्तकालय, वर्ग कक्ष एवं अन्य मशीनों के लिए 105 करोड़ 50 लाख रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति एवं राशि विमुक्ति पर मुहर लगी है. गुलजारबाग सचिवालय मुद्रणालय के आधुनिकीकरण के तहत प्रेस में रक्षित पुराने व बेकार मशीनों, उपकरण व बेकार सामग्रियों की बिक्री के लिए भारत सरकार के उपक्रम की एक कंपनी को प्राधिकृत किया गया है. ललित नारायण मिश्र आर्थिक विकास एवं सामाजिक परिवर्तन संस्थान पटना में शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है.