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जयपुर के चूड़ी कारखाने से बिहार के 17 बाल श्रमिक मुक्त, तीन आरोपी गिरफ्तार

जयपुर पुलिस ने बाल श्रम के खिलाफ बड़ी कार्रवाई (Big action against child labor) की है. भट्टा बस्ती और विद्याधर नगर इलाके में पुलिस ने 17 नाबालिग बाल श्रमिकों को चूड़ी कारखाने से (Child laborers freed from bangle factory) मुक्त करवाया है.

पुलिस थाना भट्टा बस्ती रामनगर जयपुर
जयपुर पुलिस ने बाल श्रमिक को कराया मुक्त

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Published : Dec 24, 2021, 12:49 PM IST

जयपुर/पटना:राजधानी जयपुर में बाल श्रम (Child Labor In Jaipur) के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. जयपुर के भट्टा बस्ती और विद्याधर नगर इलाके में पुलिस ने 17 नाबालिग बाल श्रमिकों को चूड़ी कारखाने से मुक्त (Child laborers freed from bangle factory) करवाया है. राजस्थान बचपन बचाओ आंदोलन की सूचना पर श्रम विभाग, मानव तस्करी विरोधी यूनिट और भट्टा बस्ती थाना पुलिस ने भट्टा बस्ती और विद्याधर नगर में बाल श्रम के खिलाफ कार्रवाई को अंजाम देते हुए 17 नाबालिक बच्चों को चूड़ी कारखाने से मुक्त करवाया है. बाल श्रम के मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है.

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पुलिस ने भट्टा बस्ती थाना इलाके में एक कारखाने से नाबालिक बच्चों से काम करवाने के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. वहीं दूसरे कारखाने में विद्याधर नगर से दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. भट्टा बस्ती थाना पुलिस ने बंधुआ मजदूरी कानून और बाल श्रम कानून के तहत मामला दर्ज करके आरोपियों को गिरफ्तार किया है. बच्चों की उम्र 10 वर्ष से लेकर 15 वर्ष तक बताई जा रही है.

बच्चों से चूड़ी कारखाने में करीब 16 से 18 घंटे काम करवाया जा रहा था. गर्म लाख के चूड़े बनाते समय बच्चों के हाथ भी जल जाते थे. बच्चों ने पुलिस को बताया कि समय पर खाना भी नहीं दिया जाता था और कारखाने से बाहर भी नहीं निकलने दिया जाता था. बच्चों को बिहार से पढ़ाई लिखाई के लिए जयपुर लाकर बाल मजदूरी करवाई जा रही थी. बच्चों को उनके घर भेजने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. फिलहाल पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है.

बता दें कि इससे पहले भी राजधानी जयपुर में कई बार बाल श्रम के मामले पकड़े जा चुके हैं. जयपुर के भट्टा बस्ती इलाके में ज्यादातर बाल श्रम के मामले पकड़े गए हैं. नन्हे-मुन्ने मासूम बच्चों के हाथों में किताबों की जगह चूड़ी कारखानों में गर्म लाख पकड़वा दी जाती है. ऐसे में पढ़ाई लिखाई से बच्चे वंचित हो जाते हैं और उनका भविष्य अंधकार में हो रहा है. बचपन बचाओ आंदोलन समिति लगातार बाल श्रम के खिलाफ काम कर रही है. जिसकी सूचना पर पहले भी बाल श्रमिकों को मुक्त करवाकर उनके घर भेजा जा चुका है.

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