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प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत बोले.. 'संविदा स्वास्थ्यकर्मियों को किया जाएगा स्थायी'

IAPSM के 11वीं वार्षिक अधिवेशन में प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत (Principal Secretary Amrit Pratyay) ने अनुबंधित स्वास्थ्यकर्मियों को स्थायीकरण करने की बात कही. इस अधिवेशन में इलाज को सस्ता करने पर जोर दिया गया, ताकि आम जनों को इलाज में ज्यादा खर्च का बोझ नहीं झेलना पड़े. पढ़ें पूरी खबर..

IAPSM का पटना में 11वां वार्षिक अधिवेशन
IAPSM का पटना में 11वां वार्षिक अधिवेशन

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Published : Dec 17, 2022, 9:32 PM IST

पटना: बिहार की राजधानी पटना में शनिवार को पटना के ज्ञान भवन में इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रीवेंटिव सोशल मेडिसिन (IAPSM) का 11 वां वार्षिक अधिवेशन मनाया (11th Annual Convention of IAPSM in Patna ) गया. इस मौके पर प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि संविदा पर काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियोंको भी स्थायी किया जाएगा. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, राज्य स्वास्थ समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार और स्वास्थ्य विभाग बिहार के अंशुल अग्रवाल मौजूद रहे.

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सस्ते इलाज पर हुई चर्चाः कार्यक्रम में इलाज को सस्ता करने पर जोर दिया गया. ताकि आम जनों को इलाज में ज्यादा खर्च का बोझ नहीं झेलना पड़े. स्वास्थ्य सुविधाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में सरलता से उपलब्ध कराने पर विस्तार से चर्चा की गई. कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने के लिए कांट्रेक्चुअल स्वास्थ्य कर्मियों को स्थाई करने की बात की.

स्थायी कर्मी उत्साह के साथ करते हैं कामः प्रत्यय अमृत ने कहा कि यदि 45 वर्ष के उम्र का कोई कर्मी वर्षों से अनुबंध पर कार्यरत है और अपने भविष्य को लेकर चिंतित है. ऐसे में वह निश्चित रूप से पूरे उत्साह से काम नहीं कर पाएगा. इसका असर हेल्थ केयर फैसिलिटी पर दिखता है. उन्होंने कहा कि सरकार के स्तर से कांट्रेक्चुअल स्वास्थ्य कर्मियों को समय-समय पर नियमित करने का प्रयास किया जा रहा है. निकट भविष्य में परमानेंट स्वास्थ्य कर्मियों के माध्यम से ही हेल्थ फैसिलिटी को चलाने की योजना है. ताकि सरकार के चलाए जा रहे स्कीम आम जनों तक सरलता से पहुंचे.

'' 45 वर्ष के उम्र का कोई कर्मी वर्षों से अनुबंध पर कार्यरत है और अपने भविष्य को लेकर चिंतित है. ऐसे में वह निश्चित रूप से पूरे उत्साह से काम नहीं कर पाएगा. इसका असर हेल्थ केयर फैसिलिटी पर दिखता है.सरकार के स्तर से कांट्रेक्चुअल स्वास्थ्य कर्मियों को समय-समय पर नियमित करने का प्रयास किया जा रहा है. निकट भविष्य में परमानेंट स्वास्थ्य कर्मियों के माध्यम से ही हेल्थ फैसिलिटी को चलाने की योजना है''- प्रत्यय अमृत, प्रधान सचिव

प्राइमरी हेल्थ केयर को बढ़ावा देना उद्देश्य: पीएमसीएच के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष और कार्यक्रम की ऑर्गेनाइजिंग चेयरपर्सन डॉ रश्मि सिंह ने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य प्राइमरी हेल्थ केयर को बढ़ावा देना है. हेल्थ केयर को एक्सेसिबल और अफोर्डेबल बनाना. इसके साथ ही हेल्थ केयर में जो कुछ भी नई तकनीकें आ रही है और जहां कुछ भी नया हो रहा है उन सब बातों पर विस्तार से चर्चा की गई है.

टेलीमेडिसिन सर्विस पर चर्चाः हेल्थ केयर में केरला मॉडल की चर्चा की गई. इसके अलावा राज्य स्वास्थ समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने आज के दौर में हेल्थ केयर सर्विस और टेलीमेडिसिन के द्वारा स्वास्थ्य सेवाएं सुदूर इलाके में पहुंचाने पर जोर देने की बात की है. इसके अलावा गरीबों को आयुष्मान भारत योजना जैसी स्वास्थ्य बीमा से जोड़ने की बात स्वस्थ विभाग के संयुक्त सचिव अंशुल अग्रवाल ने की है.

सरकारी योजनाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में सहजता से पहुंचाया जाएः कार्यक्रम के बारे में विस्तृत रूप से बताते हुए पीएमसीएच के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सुमन कुमार ने बताया कि हेल्थ केयर सर्विस को सुदृढ़ बनाने के लिए प्रदेश में क्या कुछ इनीशिएटिव लिए जाने चाहिए इस पर विस्तार से बात हो रही है. केरला मॉडल की बात हो रही है. इसके अलावा स्वास्थ्य से जुड़ी सरकारी योजनाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में सहजता से पहुंचाने के लिए स्थाई स्वास्थ्यकर्मियों की उपलब्धता कराने की भी प्रमुखता से बात की गई.

"इस कॉन्क्लेव में इस बात पर विस्तार से चर्चा की गई है कि जो स्थाई कर्मचारी होते हैं. वह पूरे उत्साह से कार्य करते हैं और स्वास्थ्य क्षेत्र में यदि उत्साह से स्वास्थ्य कर्मी काम करे तो लोगों को इसका भरपूर फायदा होगा"- डाॅ. सुमन

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