पटना: बिहार और नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण राज्य में बाढ़ की स्थिति और बिगड़ रही है. राज्य की करीब सभी प्रमुख नदियां कई क्षेत्रों में लाल निशान के ऊपर बह रही हैं. सरकार राहत और बचाव कार्य चला रही है. लेकिन लोगों की परेशानियां कम नहीं हो रही हैं.
इस बीच कई क्षेत्रों में बाढ़ के कारण आवागमन प्रभावित हो गया है. जल संसाधन विभाग द्वारा मंगलवार को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कोसी का जलस्तर वीरपुर बैराज के पास सुबह छह बजे 1.82 लाख क्यूसेक था, जो आठ बजे 1.83 लाख क्यूसेक हो गया. इसी प्रकार गंडक नदी में भी जलस्तर बढ़ने की संभावना बना हुई है. गंडक का जलस्राव वाल्मीकिनगर बराज के पास सुबह छह बजे 2.18 लाख क्यूसेक था जो आठ बजे बढ़कर 2.36 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया.
सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर
इस समय, राज्य की करीब सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान व गंगा कई क्षेत्रों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. बाढ़ प्रभावित इलाकों में बाढ़ का पानी नए क्षेत्रों में प्रवेश कर रहा है. लोग अपने घरों को छोड़कर ऊंचे स्थानों पर शरण ले रहे हैं.
93 प्रखंडों की 765 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित
इस बीच, बाढ़ प्रभवित इलाकों में राहत और बचाव कार्य जारी है. आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, बिहार की विभिन्न नदियों के बढ़े जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से सतर्क है. नदियों के बढ़े जलस्तर से बिहार के 11 जिले सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण, पश्चिम चंपारण, खगडिया एवं सारण के कुल 93 प्रखंडों की 765 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हुई हैं, जहां राहत शिविर चलाए जा रहे हैं.