हजारीबाग/पटना: जिले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने छापेमारी कर 10 अपराधियों को गिरफ्तार (Criminal Arrested) किया है. गिरफ्तार चोर छोटी गाड़ियों की चोरी (Theft of Vehicles) कर सस्ते दामों में बेच देता था. पुलिस ने अपराधियों के पास से तीन स्कॉर्पियो और एक सेंट्रो कार भी जब्त किया है. जिन तीन स्कॉर्पियो को जब्त (Scorpio Seized) किया गया है, उसमें दो पुलिस की गाड़ी है.
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गिरफ्तार अपराधी एक टीम बनाकर अलग-अलग जगहों पर चोरी की घटना को अंजाम देता था. हजारीबाग के मटवारी निवासी विशेष कुमार और रामगढ़ निवासी रितिक अनुराग क्षेत्र का पहले रेकी करता था. उसके बाद चोरी की घटना को अंजाम देने के गिरोह का अन्य सदस्य सक्रिय हो जाता था. गिरोह में धनबाद का बिट्टू, हजारीबाग का दीपक, मुजफ्फरपुर का रविंद्र कुमार, हजारीबाग का विशेष कुमार सोनी, रामगढ़ का रितिक अनुराग, मुजफ्फरपुर का मोहम्मद मुकीम शामिल है, जो गाड़ी चोरी कर बिहार में बक्सर जिले का शैलेश मिश्रा को देता था.
चोरी की गाड़ी का डुप्लीकेट पेपर बनाकर करता था बिक्री
शैलेश मिश्रा चोरी की गाड़ी का डुप्लीकेट पेपर, इंजन का नंबर बदल कर नया पंच करना और इंश्योरेंस कराता था. उसके बाद उस गाड़ी को बेच देता था. खरीदार में बिहार के नालंदा का राजेश कुमार, बक्सर का इंद्रजीत कुमार, कैमूर का धर्मेंद्र चौधरी का नाम शामिल है.
एक-एक कर सभी अपराधियों की गिरफ्तारी
पुलिस ने गिरोह में शामिल पहले सदस्य की गिरफ्तारी गुप्त सूचना के आधार पर चोरदाहा चेक पोस्ट के पास से की. उसके बाद जब उससे गहन पूछताछ की गई, तो चौपारण हथिया बाबा मंदिर के पास से अन्य की गिरफ्तारी की गई. इसके बाद धीरे-धीरे पूरा रैकेट पुलिस के हत्थे चढ़ गया है. गिरफ्तार बिट्टू, दीपक, विशेष कुमार सोनी, मोहम्मद मुकीम और राजेश मिश्रा का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड रहा है. पुलिस का मानना है, कि अभी भी इस प्रकरण की जांच जारी है, बहुत जल्द अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी की जाएगी और चोरी की बाइक भी बरामद की जाएगी.
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चोरी की गाड़ी से शराब तस्करी
26 फरवरी को हजारीबाग के पुलिस लाइन से दो काले रंग की स्कॉर्पियो चोरी हुई थी, जो स्पेशल ब्रांच के ऑफिसर की थी. चोरी होने के बाद स्पेशल ब्रांच और हजारीबाग पुलिस ने इस मामले की तफ्तीश कर रही थी. दोनों स्कॉर्पियो भी इस ऑपरेशन में बरामद की गई है. पुलिस की गाड़ी से अवैध शराब का तस्करी भी की जाती थी. जांच के क्रम में यह बात सामने आई है, कि शैलेश मिश्रा जो चोरी की गाड़ी को खरीदता था, उसका उपयोग धर्मेंद्र चौधरी और इंद्रजीत कुमार शराब का अवैध कारोबार में करता था.