पटना: कोरोना महामारी के बीच राज्य में रोजगार सृजन के लिए बिहार सरकार की ओर से कई कदम उठाए गए थे. खास तौर पर अन्य राज्यों से अपने घर को लौट आए मजदूरों के रोजगार का सृजन बिहार सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है. अधिक से अधिक श्रमिकों और मजदूरों को काम मिले इसके लिए मनरेगा के अंतर्गत कई योजनाएं चलाई जा रही हैं.
'बिहार में बनाए गए हैं तकरीबन 10 लाख नए जॉब कार्ड, सरकार दे रही है रोजगार' - मनरेगा के तहत रोजगार
कोरोना और लॉकडाउन के कारण प्रभावित बिहार के लोगों को रोजगार देना बिहार सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है. इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग की ओर से कई रोजगार सृजन किए जा रहे हैं.
इस क्रम में राज्य में कुल 981340 नए जॉब कार्ड बनाए गए हैं. इस जॉब कार्ड के माध्यम से राज्य के बाहर रहने वाले मजदूरों को अपने ही घर और गांव में रोजगार मिल सकेगा. यह जॉब कार्ड ग्रामीण विकास विभाग की ओर से बनाए गए हैं. बरसात का मौसम होने के बाद भी बड़े पैमाने पर पौधारोपण और निर्माण आदि कार्य मनरेगा मजदूरों से कराए जा रहे हैं.
मनरेगा के तहत रोजगार देने में बिहार नंबन वन
बता दें कि बाहर से आए मजदूरों के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर पर ही नया जॉब कार्ड बनाना शुरू कर दिया गया था. इस संबंध में विभाग के प्रधान सचिव अरविंद चौधरी बताते हैं कि मनरेगा के तहत 8.5 करोड़ से भी अधिक मानव दिवस का सृजन किया गया है. कोरोना महामारी के बीच एक दिन में सर्वाधिक 20 लाख श्रमिक मनरेगा के तहत काम किए थे. उन्होंने बताया कि अभी प्रतिदिन 7 से 8 लाख श्रमिक रोजाना मनरेगा के तहत काम कर रहे हैं. गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत बिहार में 2 करोड़ 21 लाख मानव दिवस का आयोजन किया गया है. इस अभियान के तहत रोजगार देने में बिहार देश में नंबर एक स्थान पर है.