नवादा : फुलवरिया जलाशय के लिये खुला डाक के तहत हुआ निविदा, उमेश यादव ने लगाई सबसे अधिक बोली
नवादा के रजौली प्रखंड क्षेत्र के फुलवरिया जलाशय में मछली मारने के कम को लेकर टेंडर प्रक्रिया को संपन्न की गई. इस टेंडर में कुल 7 लोगों ने बोली लगाई थी. जिसमें फुलवरिया गांव निवासी उमेश यादव ने अधिकतम बोली 84 लाख 20 हजार रुपये लगाकर मछली मारने का कार्य अपने नाम कर लिया.
नवादा: रजौली प्रखंड क्षेत्र के फुलवरिया जलाशय में मछली मारने ( Fishing Tender In Bihar) को लेकर सिंचाई विभाग ( Irrigation Department ) के द्वारा डाक के तहत टेंडरकी प्रक्रिया संपन्न हुई. टेंडर प्रक्रिया सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता विश्वभंर नाथ चतुर्वेदी और रजौली थाना में तैनात प्रशिक्षु डीएसपी सह प्रभारी थाना अध्यक्ष फिरोज आलम की मौजूदगी में पूरी की गई. इस टेंडर में कुल 15 लोगों ने भाग लेने के लिए कोटेशन डाला था.
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बोली लगाने के दौरान केवल 7 लोग रहे उपस्थित
बोली के समय मौके पर सिर्फ 7 लोग ही उपस्थित थे. उपस्थित लोगों में विपिन यादव, उमेश प्रसाद यादव, संजय यादव, अखिलेश यादव, सनोज यादव, अजय कुमार गुप्ता आदि लोगों ने खुले डाक में बोली लगाई. इस दौरान शिरोडाबर पंचायत के फुलवरिया गांव निवासी उमेश यादव ने अधिकतम बोली 84 लाख 20 हजार रुपये लगाकर मछली मारने का कार्य अपने नाम कर लिया.
अगले 10 साल तक फुलवरिया जलाशय में उमेश यादव करेंगे काम
टेंडर अपने नाम करने वाले उमेश यादव अगले 10 वर्षों तक के लिए मछली पालन और मारने का कार्य फुलवरिया जलाशय में करेंगे. इनके द्वारा सिंचाई विभाग को किस्तों के आधार पर राशि का भुगतान किया जाएगा. इस संबंध में टेंडर की प्रक्रिया पूरी कराने वाले कार्यपालक अभियंता विश्वभंर नाथ चतुर्वेदी ने बताया- टेंडर को लेकर पूर्व में ही विभाग के द्वारा दैनिक समाचार पत्रों के माध्यम से सूचना निकाली गई थी. जिसके बाद लोगों ने विभागीय कार्यालय हरदिया में आकर अपने-अपने नाम से कोटेशन भरकर बोली लगाई थी.
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राशि नहीं चुकाने पर टेंडर हो जाएगा रद्द
बता दें कि पिछली बार भी रजौली फुलवरिया जलाशय की बोली खुला डाक के माध्यम से ही कराई गई थी. वर्ष 2017 में 10 वर्षों के लिए रामबली यादव ने अधिकतम बोली जो की चार करोड़ 10 लाख की थी लगाकर अपने नाम कर लिया था. लेकिन काम प्रारंभ करने के करीब दो साल के बाद हीं उन्होंने तय किश्तों की राशि विभाग को देने में असमर्थता जताई. जिससे मार्च 2021 में पूर्व के टेंडर को विभाग के द्वारा रद्द कर दिया गया. जिसके बाद वहां चोरी-छिपे स्थानीय लोगों के द्वारा मछली मारने की सूचना विभाग को लगातार मिलती रही. इसलिए अंत में विभाग ने खुला डाक के द्वारा टेंडर कराने का निर्णय लिया, जिसके बाद 15 जून को प्रक्रिया संपन्न कराई गई.