नवादा: बिहार कीभौगोलिक संरचना ऐसी है कि कहीं लोग बाढ़ से परेशान हैं तो कहीं सूखे का दंश झेलते हैं. बिहार के दक्षिण भाग में स्थित नवादा के लोग इन दिनों पानी से परेशान हैं. दरअसल लगातार हो रही बारिश के कारण सोनसा-सिहीन पथ (Sonsa Sihin Road) पर सोनसा ग्राम के समीप तिलैया नदी पर बना डायवर्सन टूट गया है. ऐसे में ग्रामीण एक-दूसरे का हाथ थामे नदी की तेज धार को पार करने को विवश हैं.
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खतरे में ग्रामीणों की जान
बुधवार की रात्रि डायवर्सन टूटकर बह गया. डायवर्सन टूट जाने से सिहीन, तरौणी, दोना, डफलपुरा, भोला विगहा, जेश्री विगहा, डिहुरी, मुरकटा, शचौल, खिरन बेलदारी सहित दर्जनों ग्राम का सम्पर्क हिसुआ और नवादा से भंग हो चुका है. ग्रामीण नदी को जान जोखिम में डालकर पार करने को मजबूर हैं.
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2002 में बना था पुल
सोनसा-सिहीन को जोड़ने के लिए तिलैया नदी पर 2002 में पुल बनाया गया था. तात्कालीन सांसद डाॅ. संजय पासवान ने अपने सांसद मद से करीब 24.5 लाख की लागत से तिलैया नदी पर पुल बनवाया था. पुल बनने पर करीब 50 गांव का सम्पर्क हिसुआ एवं नवादा से जुड़ गया था.
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चौड़ीकरण के लिए तोड़ा गया था पुल
बजरा मोड़ से गोनर विगहा तक सड़क के चौड़ीकरण को लेकर इस पुल को तोड़ा गया था. सोनसा ग्राम के समीप कंक्रीट और 30 फीट चौड़े पुल का निर्माण करना था इसे लेकर तिलैया नदी पर बने पुल को तोड़ दिया गया था. और आवागमन को लेकर नदी में डायवर्सन का निर्माण कराया गया था.
तिलैया नदी पर बना डायवर्सन बहा डायवर्सन के निर्माण पर सवाल
अभिकर्ता के द्वारा डायवर्सन का निर्माण करवाया तो गया लेकिन यह ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाया. अच्छी तरह से नहीं बनाये जाने के कारण पानी का दबाव पड़ते ही डायवर्सन टूट गया.
50-60 किमी अधिक दूरी तय कर रहे ग्रामीण
गया जिले के रिउला, पाण्डे चक, महापुर चेया आदि दर्जन भर ग्राम का आना-जाना इसी पथ से होता था. एक सप्ताह से लगातार वर्षा होने से पानी के अधिक दबाव के कारण डायवर्सन टूट गया. डायवर्सन टूटने से उक्त सभी गांव के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बाजार आने के लिए उन्हें 50-60 किलोमीटर अधिक दूरी तय करनी पड़ रही है.
समय और पैसे की बर्बादी
अधिक दूरी तय करने पर ग्रामीणों की परेशानी सातवें आसमान पर पहुंच गई है. समय की बर्बादी हो रही है सो अलग. ग्रामीणों का कहना है कि परेशानी तो सभी को है लेकिन शादी वाले परिवार को डायवर्सन टूटने से सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है.
ग्रामीणों का कहना है...
ग्रामीणों का कहना है कि अभिकर्ता के द्वारा डायवर्सन को अच्छी तरह नहीं बनाये जाने के कारण पानी का दबाव पड़ते ही यह टूट गया. ग्रामीणों ने बताया कि यास चक्रवात में हुए वर्षा के कारण भी सोनसा नदी पर बना डायवर्सन पानी के तेज रफ्तार में बह गया था.
सिहीन दोना ग्राम के दर्जनों की संख्या में लोगों ने बताया कि अभिकर्ता को वर्षा ऋतु समाप्त होने पर पुल को तोड़ना चाहिए था. यदि पुल नहीं टूटता तो सभी ग्रामवासियों को परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता.
ईटीवी भारत के सवाल
- अगर कोई बड़ा हादसा होता है तो इसका जिम्मेदार कौन?
- पुल को तोड़ने का क्या यह सही समय था?
- कैसे बनाया गया डायवर्सन जो पानी की धार के आगे टिक नहीं पाया?
- लोगों को हो रही परेशानी का कब निकाला जाएगा समाधान?
- अभिकर्ता ने क्यों नहीं दिया अब तक कोई जवाब?