नवादाःलॉक डाउन के वजह से पिछले एक महीने से कोटा में फंसे जिले के बच्चों को आखिरकार घर लौटने का अवसर मिला और सोमवार को अपने गृह जिला पहुंचे. जहां पहुंचते ही बच्चों ने जिला प्रशासन पर बड़ा आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कोटा से गया तक हमलोगों को कोई दिक्कतें नहीं आई. लेकिन गया से नवादा आने में काफी दिक्कतें हुई.
जिला प्रशासन पर आरोप
वहीं, उन्होंने बताया कि 12 बजे गया आने के बाद से अभी तक हमलोगों को खाना तो छोड़िए पानी तक नहीं मिला. वहीं सोशल डिस्टेंसिंग के नाम पर सिर्फ औपचारिकताएं पूरी की गई. एक सीट पर दो- दो बच्चों को बैठाया गया. वहीं, बच्चों के परिजन भी जिला व्यवस्था से नाराज दिखे. उन्होंने कहा हमारे बच्चे को खाना मिला ना पानी, भेड़-बकड़ी की तरह लाया गया है.
'न मिला नाश्त न पानी'
बात दें कि कोटा से रविवार को स्टूडेंट को लेकर स्पेशल ट्रेन करीब 12 बजे गया पहुंची. जहां से जिला प्रशासन को इन छात्रों को सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखते हुए बसों से सुरक्षित लाना था. जबकि प्रशासन की ओर से भेजे गए बसों में ऐसा नहीं देखा गया. सोशल डिस्टेंसिंग का कोई ख्याल नहीं रखा गया था. लिहाजा स्टूडेंट नवादा शहर के आईटीआई क्वारंटीन सेंटर में गया रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद भी 6 घंटे देर से बिना नाश्ता-पानी किए पहुंचे. जिसकी वजह से उनकी नाराजगी देखने को मिली.
होम क्वारंटीन मेंभेजे गएछात्र-छात्रा
हालांकि, सदर अनुमंडल पदाधिकारी का कहना है कि क्वॉरेंटीन सेंटर में छात्र-छात्राओं के अगल-अलग ठहरने के लिए जिला प्रशासन की ओर से व्यवस्थाएं की गई थी. उन्हें कुछ देर आराम करने के बाद उन्हें रेफ्रेशमेन्ट दिया गया. उसके बाद मेडिकल चेकअप के बाद होम क्वॉरेंटीन के लिए भेज दिया गया.