नवादा:शहीद-ए-आजम भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की शहादत दिवस पर बुधवार को नवादा में शहादत दिवस का आयोजन (Martyrs Day Organized In Nawada) किया गया. इस दौरान लोगों ने भगत सिंह चौक स्थित शहीद भगत सिंह की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया. वक्ताओं ने कहा कि शहीदों की यह याद करने की प्रेरणा व परंपरा से हम आगे बढ़ते हैं. शहादत दिवस कार्यक्रम में समाजसेवी मनमोहन कृष्ण ने कहा कि भारत की आजादी के लिए भगत सिंह ने 23 साल की उम्र में ही अपने प्राणों की आहुति दे दी थी.
यह भी पढ़ें -पुलवामा अटैक 2019 : मसौढ़ी के लाल शहीद संजय सिन्हा की तीसरी बरसी आज, दी गई श्रद्धांजलि
नवादा वासियों ने शहीदों को किया याद: मनमोहन कृष्ण ने कहा कि उनके इस जज्बे को देखकर देश के युवाओं को भी देश की आजादी के लिए लड़ने की प्रेरणा मिली. 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को ब्रिटिश हुकूमत ने फांसी दे दी गई थी. उन्हीं की याद में आज हम लोगों ने भगत सिंह की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इस दौरान उन्होंने आज के युवाओं को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव आत्मसात अपील की. इस मौके पर कई समाजसेवी मौजूद रहे.
शहीद दिवस क्यों मनाते हैं?:23 मार्च को तीन स्वतंत्रता सेनानियों भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव को अंग्रेजों ने फांसी पर चढ़ा दिया था. बेहद कम उम्र में इन वीरों ने लोगों के कल्याण के लिए लड़ाई लड़ी और इसी उद्देश्य के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. कई युवा भारतीयों के लिए भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव प्रेरणा के स्रोत बने हैं. ब्रिटिश शासन के दौरान भी, उनके बलिदान ने कई लोगों को आगे आने और अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़ने के लिए प्रेरित किया. यही कारण है कि इन तीनों क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि देने के लिए भारत 23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में मनाता है.