नवादा: बिहार में पिछले 15 सालों में सड़कों की स्थिति भले ही सुधरी हो लेकिन नवादा जिले की सड़कें आज भी उद्धारक का इंतजार कर रही हैं. जिला मुख्यालय से नारदीगंज प्रखंड को जोड़ने वाली सड़कें काफी जर्जर हो गई हैं. इसकी वजह से आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती रहती हैं.
हालत ऐसी है कि जिस सफर को लोग आधे घंटे में तय कर सकते हैं उसे पूरा करने में डेढ़ घंटे का समय लगता है. हालांकि, बीती फरवरी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 283.91 लाख की राशि से इस सड़क के निर्माण के लिए शिलान्यास शुरू किया था, लेकिन वो अभी भी ठप्प है.
महत्वपूर्ण राज्यमार्ग को जोड़ती है ये सड़क
यह सड़क कई मामलों में महत्वपूर्ण है. यह 2 राज्यमार्ग को जोड़ती है, जिसमें नवादा बाईपास से गुजरने वाला पटना-रांची हाइवे 31 है और दूसरा बोधगया-राजगीर राजमार्ग 82 को भी यही सड़क जोड़ती है.
जनप्रतिनिधियों की अनदेखी
वैसे तो नवादा जिले में नेताओं की कमी नहीं है. खासकर चुनाव में इनके दौरे और भी तेज हो जाते हैं. जनप्रतिनिधि भी द्वार पर दस्तक देना नहीं भूलते, लेकिन जब बात ग्रामीणों के विकास और हित की आती है तो कोई नजर नहीं आता है. इसका परिणाम है कि नवादा-नारदीगंज सड़क सिर्फ चुनावी मुद्दा बनकर रह गई है, जबकि स्थानीय विधायक कौशल यादव की राजनीति पुश्तैनी है. इसके बावजूद भी यहां की सड़कें जर्जर हैं.