नवादा: नीति आयोग ने मूल्यांकन कर जिले को हर क्षेत्र में विकासात्मक कार्य के लिए सभी जिलों में से नम्बर वन का तमगा दिया है. इसमें सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य,स्वच्छता, पेयजल आपूर्ति व्यवस्था जैसी सुविधाएं शामिल हैं. लेकिन जिले के अंदर कई ऐसी सड़कें हैं जो काफी जर्जर स्थिति में है. उन सड़कों से जान की बाजी लगाकर आवागमन करना पड़ता है.
जान जोखिम में डालकर सफर करते लोग
हिसुआ प्रखंड के बजरा मोड़ से सोनसा होते हुए दोना तक की सड़कें पिछले कई सालों से जर्जर अवस्था में है. आए दिन इन सड़कों पर घटनाएं होती रहती है. स्थानीय लोग जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर हैं. विडंबना यह है कि इस सड़क पर आज तक किसी विधायक, सांसद, जिला प्रशासन और न ही नीति आयोग के जिम्मेदार अधिकारियों की नजर पड़ रही है.
खराब सड़कों के कारण नहीं जाती एम्बुलेंस
हिसुआ-राजगीर एसएच-82 से सोनसा होते हुए दोना तक की लगभग 13 किमी सड़कें इतनी ख़राब है कि उधर एम्बुलेंस वाले भी जाने से कतराते हैं. लोग मजबूरी में प्रसूता को टेम्पो का सहारा लेकर अस्पताल ले जाते हैं इस बीच उन्हें अपनी और अपने बच्चे की जान को जोखिम में डालना पड़ता है. यहां तक कि खराब सड़कों के कारण गर्भवती महिलाएं रास्ते में ही बच्चे को जन्म देने पर मजबूर हो जाती हैं.