नवादा: बिहार के नवादा जिले के रजौली में स्थित अनुमंडलीय अस्पताल (Rajauli Sub Divisional Hospital Nawada) कुव्यवस्था के कारण हमेशा सुर्खियों में रहा है. अस्पताल में लापरवाही के कारण यह विवाद के घेरे में है. बुधवार देर रात को भी अस्पताल में एक नवजात की मौत हो गयी. जिसके बाद गुरुवार सुबह को परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. मामला सामने आने के बाद सिविल सर्जन और रजौली एसडीओ ने जांच के बाद कार्रवाई करने की बात कही है.
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नवजात की मौत के बाद हंगामा: घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि अमावां गांव निवासी लटन ठाकुर की 21 वर्षीय पुत्री को प्रसव पीड़ा के बाद सुबह 7 बजे के आसपास अस्पताल के प्रसव वार्ड में भर्ती कराया गया. उस समय ड्यूटी में रहे द्वारा नर्सों द्वारा गर्भवती महिला की जांच की गई. जांच में सबकुछ नॉर्मल पाए जाने के बाद मरीज को कुछ देर इंतजार करने को कहा गया.
जीएनएम पर लापरवाही का आरोप: परिजनों ने वहां उपस्थित नर्सों को बताया कि मरीज को अत्यंत प्रसव पीड़ा हो रही है. अगर किसी प्रकार की दिक्कत है, तो आप चिकित्सक से मरीज को दिखवाकर रेफर कर दीजिए. इसपर जीएनएम द्वारा परिजनों को डांट-फटकार लगाकर वापस भेज दिया गया. जब दोपहर के दो बजे जब दोनों जीएनएम की ड्यूटी पूरी हुई. साथ ही इनके ड्यूटी के बाद 2 बजे जीएनएम पुनिता कुमारी और ज्योति कुमारी ड्यूटी करने आई. तो जीएनएम ने प्रसव पीड़ा से बेहाल गर्भवती महिला को डिलीवरी के लिए ले गई.
"मेरी बहन दर्द से कराहती रही, लेकिन स्वास्थ्यकर्मियों ने ध्यान नहीं दिया. जिससे नवजात की मौत हो गई."-प्रसूति के भाई
परिजनों ने किया हंगामा: परिजनों ने बताया कि डिलीवरी रूम से निकलने पर जीएनएम ने ड्यूटी पर रहे चिकित्सक डॉ. अर्जुन चौधरी को डिलीवरी रूम में बुलाया. जहां डॉ. अर्जुन चौधरी द्वारा जन्म लिए बच्चे के मृत होने की पुष्टि की गई. इसके बाद जीएनएम द्वारा परिजनों को बताया गया कि जच्चा ठीक है लेकिन बच्चा मृत पाया गया है. इस खबर को सुनते ही परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया. पुरा अस्पताल परिसर में कोहराम मच गया. परिजनों ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. फिलहाल सिविल सर्जन ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है.