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नवादा में शराबबंदी को लेकर ब्रेथ एनालाइजर लेकर घूम रही पुलिस, नशे में रहने पर नपेंगे तुरंत - Etv Bharat News

छपरा में जहरीली शराब से मौत के बाद पुलिस सख्त हो गई है. नवादा में प्रशासन शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर शराब को लेकर ब्रेथलाइजर से जांच कर रही (Liquor checking started in Nawada ) है. पढ़ें पूरी खबर...

नवादा में शराबबंदी को लेकर ब्रेथ एनालाइजर लेकर घूम रही पुलिस
नवादा में शराबबंदी को लेकर ब्रेथ एनालाइजर लेकर घूम रही पुलिस

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Published : Dec 28, 2022, 10:14 PM IST

नवादा:छपरा शराब कांड (chhapra liquor case) के बाद पुलिस सख्ती से शराबबंदी का पालन कराने में जुटी है. पुलिस शराब के खिलाफ लगातार छापेमारी कर रही है. नवादा में अगर आप चोरी छिपे शराब पी रहे हैं तो सावधान हो जाइए. प्रशासन पूरे शहर में शराब को लेकर चेकिंग अभियान चला रही है. नगर थाना की पुलिस शहर के विभिन्न चौक चौराहों पर ब्रेथ एनालाइजर मशीन लेकर खड़ी(Police checking with breathalyzer in Nawada) है. आम तौर पर पुलिस शक होने पर राह चलते लोगों, वाहन चालकों को रोककर ब्रेथ एनालाइजर मशीन से मुंह की जांच कर रही है.

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विभिन्न चौक चौराहों पर ब्रेथ एनालाइजर मशीन से हो रही जांच:शहर के प्रजातंत्र चौक, भगत सिंह चौक, इन्दिरा चौक, अस्पताल रोड, लाल चौक आदि तमाम जगहों पर घूम घूम कर लोगों को ब्रेथ एनालाइजर मशीन से जांच कर रही है. ऐसे में अगर आपकी चाल मतवाली है या फिर वाहन की रफ्तार असामान्य है तो फिर गंध की पड़ताल को तय मानिए. पुलिस आपके मुंह के पास मशीन सटाएगी और आपके श्वांस छोड़ते ही यह स्पष्ट हो जाएगा कि पूर्ण शराब बंदी लागू होने के बावजूद आप शराब पी रहे हैं. पुलिस द्वारा शराब के इस अभियान से नगरवासियों में हड़कंप मच गया है.

किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा शराबी:इस बाबत पूछे जाने पर प्रशासन ने बताया कि बिहार में मद्य निषेध कानून लागू है. शराब पीने और बेचने पर पाबंदी है. सरकार और जिलाधिकारी के निर्देश पर शराब पीने वालों की लगातार विभाग के द्वारा जांच की जा रही है. किसी भी हाल में शराब पीने और बेचने वाले को बख्शा नहीं जाएगा. चाहे वह कितने भी प्रभावशाली लोग क्यों ना हो.

बिहार में 2016 से शराबबंदी :बता दें कि बिहार सरकार ने 2016 में शराबबंदी कानून (Bihar Liquor Ban) लागू किया गया था. कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और बनाने पर प्रतिबंध है. शुरुआत में इस कानून के तहत संपत्ति कुर्क करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था, लेकिन 2018 में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई थी. बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक मद्य निषेध कानून उल्लंघन से जुड़े करीब 3 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं.

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