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नवादा में बंध्याकरण शिविर में मरीज हलकान, मोबाइल की रोशनी में मच्छरों के बीच गुजरी रात - ईटीवी भारत न्यूज

नवादा में स्वास्थ्य महकमे की बड़ी लापरवाही देखने को मिली. रजौली अनुमंडल के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बंध्याकरण शिविर में महिलाएं अंधेरे में रात भर मच्छर उड़ाती रहीं. वहीं डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी भी बिजली की तरह अस्पताल से गायब थे.

primary health center of Nawada
primary health center of Nawada

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Published : Aug 26, 2022, 2:52 PM IST

Updated : Aug 26, 2022, 3:57 PM IST

नवादा: जिले के रजौली अनुमंडल (Negligence OF Rajauli PHC) स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (primary health center of Nawada) में गुरुवार की रात स्वास्थ्य कर्मियों और स्वास्थ्य व्यवस्था की बड़ी लापरवाही सामने आई. बंध्याकरण के लिए यहां शिविर लगाया गया था. शिविर में पहुंची महिला मरीजों और उनके परिजनों को घर से चादर और हाथ पंखा लाना पड़ा. साथ ही कई घंटों तक रात के अंधेरे में समय गुजारना पड़ा क्योंकि बिजली गुल हो गई. इतना ही नहीं डॉक्टर समेत अन्य कर्मचारी भी लापता हो गए. इस बीच मरीजों को कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ा.

पढ़ें- बगहा में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही, बंध्याकरण के बाद मरीजों को भीषण सर्दी में जमीन पर लिटाया

रजौली पीएचसी से गायब रहे डॉक्टर: मरीजों का कहना है कि गुरुवार को रजौली पीएचसी में कई महिलाओं का बंध्याकरण किया किया. इस दौरान पीएचसी प्रभारी डॉ. बीएन चौधरी के साथ ही अन्य डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे लेकिन देर शाम के बाद डॉक्टर समेत अन्य कर्मचारी गायब हो गए. ऑपरेशन के बाद मरीजों को लोहे के बेड पर बिना कुछ बिछाए लिटा दिया गया.

बिजली गुल..जनरेटर चलाने वाला कोई नहीं..:अस्पताल से डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी तो नदारद थे ही इसी बीच बिजली भी गुल हो गई और जेनरेटर चलाने वाला कोई नहीं था. जिसकी वजह से मोबाइल की रोशनी में मरीजों को रात गुजारनी पड़ी. मरीज के परिजनों ने इसको लेकर अस्पताल प्रबंधन पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं.

मामले की लीपापोती में जुटा प्रबंधन:मोहकामा गांव निवासी मीना देवी ने बताया कि एक ही परिसर में स्थित अनुमंडलीय अस्पताल में बिजली है लेकिन पीएचसी में बिजली शाम से ही गायब है. ऐसे में मरीजों और परिजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि मरीजों के स्वास्थ्य का कोई ख्याल नहीं रखा जाता है. ऑपरेशन कर बिना कुछ बिछाए लोहे के बेड पर सुला दिया गया. बाद में न कोई डॉक्टर दिखे न नर्स. वहीं अस्पताल प्रबंधन मामले की लापरवाही करने में जुटा है.

"बिजली नहीं रहने के कारण गर्मी भी काफी लग रही थी. अंधेरे में अस्पताल में डर भी लगता है और मच्छर भी काट रहे हैं. अगर किसी को डॉक्टर की जरूरत पड़ जाए तो अस्पताल में एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं है."- मीना देवी, मरीज

"बहन के ऑपरेशन के लिए आए थे. अस्पताल में ना तो बिजली है और ना ही अन्य सुविधा. बहुत परेशानी हो रही है."- मरीज के परिजन

Last Updated : Aug 26, 2022, 3:57 PM IST

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