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यहां लोकल फॉर वोकल की बात बेमानी है! खादी के निर्मित मास्क को नहीं मिल रहे खरीदार - कौआकोल सेखोदेवरा

एक तरफ सरकार लोकल फॉर वोकल, लोगों को आत्मनिर्भर बनने की वकालत कर रही है. वहीं, दूसरी तरफ लोकल उत्पाद खादी के मास्क ग्राहक के लिए तरस रहा है. खरीददार नहीं मिलने से नवादा में हजारों तैयार मास्क यूं ही पड़ा हुआ है.

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Published : Jun 9, 2020, 10:28 PM IST

Updated : Jun 10, 2020, 2:53 PM IST

नवादाः ग्राम निर्माण मंडल सेखोदेवरा के अंतर्गत पूरे जिले में कई जगहों पर मास्क बनाया गया. इस संस्था से जुड़ी महिलाएं दिनरात मेहनत कर खादी का मास्क तैयार की. लेकिन अब इन मास्क को खरीददार नहीं मिल रहा है. यहां तक कि सरकार के निर्देश में भी खादी का उपयोग का जिक्र है. बावजूद इसके जिला प्रशासन खादी के मास्क खरीदने में रुचि नहीं दिखा रहा और ना ही विभिन्न दलों के नेता और समाजसेवी इसके प्रति जागरुक हैं.

देश में कोरोना वायरस की शुरुआत होने पर लोगों से मुंह में मास्क लगाना शुरू किया. घर से बाहर निकलने से पहले मास्क व सैनिटाइजर के उपयोग को लोगों ने समझा. कई तरह के कपड़ों के बने मास्क बनकर बाजार में आए. लेकिन जो गुणवत्तापूर्ण खादी के कपड़ों से बने मास्क हैं वैसा क्वालिस्ट में नहीं. बावजूद इसके ना ही जिला प्रशासन इसकी अहमियत को समझ रहा है. मास्क निर्माण करने के बाद ग्राम निर्माण मंडल के सदस्य इसके बिकने की आस में टकटकी लगाए हैं.

पेश है रिपोर्ट

25 हजार मास्क बनकर तैयार नहीं, मिल रहा खरीददार
ग्राम निर्माण मंडल के सदस्य भारत भूषण का कहना है कि कौआकोल सेखोदेवरा में 10 हजार मास्क बनाये हैं. लेकिन खरीदार नहीं मिल रहा है. हालांकि इससे महिलाएं को रोजगार मिल रहा है. इस मास्क को धोकर उपयोग में भी लाया जा सकता है लेकिन बिक्री नहीं होने के कारण दोनों चीजें प्रभावित हो रही है. बात दें कि ग्राम निर्माण मंडल के पास पूरे जिले भर में करीब 25 हजार मास्क बनकर तैयार है. जिसका रेट प्रति मास्क 20 रुपया रखा गया है लेकिन खरीददार नहीं मिल रहे हैं.

महिलाओं द्वारा निर्माण किया गया खादी का मास्क
Last Updated : Jun 10, 2020, 2:53 PM IST

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