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नवादा में जुगाड़ की नाव से उफनती लोग कर रहे पार, जान जोखिम में

नवादा में स्थानीय लोग जान जोखिम में (lives in danger) डालकर 'जुगाड़' से उफनती नदी पार कर रहे हैं. सकरी और खुरी नदी पर पुल तो बन गया लेकिन अभी संपर्क पथ नहीं बना है, जिसकी वजह से लोग ऐसे जाने के लिए मजबूर हैं.

नाव की जगह जुगाड़ से चल रहा काम
नाव की जगह जुगाड़ से चल रहा काम

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Published : Aug 3, 2022, 6:20 PM IST

नवादा : नवादा में जुगाड़ की नाव हादसे को निमंत्रण दे रही है. स्थानीय लोग जान जोखिम में डालकर उफनती नदी को पार कर रहे हैं. दरअसल नवादा जिले के सकरी और खुरी नदी के ऊपर पुल (Bridge over Sakri and Khuri Rivers) का निर्माण कर दिया गया है, पर अभी तक संपर्क पथ नहीं बनाया गया है, जिसकी वजह से लोग इसका उपयोग नहीं कर पा रहें हैं. इन दिनों बरसात की वजह से नदी में पानी आ गया है, मजबूरी में स्थानीय लोगों को जुगाड़ वाली नाव का उपयोग (sailing the boat of 'Jugar') करना पड़ रहा है.

रोह ब्लॉक जाने का यही सबसे छोटा रास्ता : सकरी नदी के दोनों तरफ कई गांव हैं, जहां के हजारों लोग रोजमर्रा की जरूरतों से लेकर अन्य जरूरी काम इसी नदी को पार कर करते हैं. रोह प्रखंड मुख्यालय जाने के लिए यह सबसे छोटा रास्ता है. लिहाजा लोग इसी रास्ते का इस्तेमाल कर अपना काम करते हैं.आजकल इलाके के लोग जुगाड़ की नाव से नदी को पार करने को मजबूर हैं. यह नाव बड़े ट्यूब और बांस की चाली से बनाई जाती है. इसी जुगाड़ के नाव से लोग जान जोखम में डालकर नदी पार करने को मजबूर हैं. इस नाव पर नाविकों को पैसे देकर इंसान के साथ-साथ वाहनों को भी पार कराया जाता है. स्थानीय लोगों ने बताया कि वे ऐसा नहीं करना चाहते हैं, मगर मजबूरी में सभी को ऐसा करना पड़ता है. क्योंकि रोह से होकर नवादा आने पर उनका बहुत समय लग जाता है. लोग यह भी मांग कर रहे हैं कि अगर पुल को मुख्य सड़क से जोड़ दिया जाता तो उन्हें सहुलियत होगी.

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प्रशासन नहीं रोक रहा ऐसा जोखिम भरा सफर : लोगों की ये लापरवाही कभी भी भारी पड़ सकती है. जबकि स्थानीय प्रशासन इस तरह के जोखिम भरे सफर पर रोक भी नहीं लगा रहा. गोंसाई बिगहा के ग्रामीणों ने बताया कि इस नदी के दोनों तरफ कई गांव हैं. पूर्व सांसद गिरिराज सिंह की पहल पर पुल बनकर तैयार हो गया है. मगर इस पुल को मुख्य सड़क से जोड़ा नहीं गया है. यही कारण है कि लोग पुल के अभाव में जुगाड़ की नाव पर चढ़ते हैं.

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