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'समाज के दीमक हैं महाजन, 3 गुणा ब्याज चुकाया फिर भी खत्म नहीं हुआ' : पढ़िए सुसाइड नोट

बिहार के नवादा में कर्ज और महाजन की प्रताड़ना से तंग आकर जान देने वाले परिवार के मुखिया का सुसाइड नोट मिला है. सुसाइड नोट में केदार लाल गुप्ता ने महाजन को समाज का दीमक बताया है और कहा है ये वो लोग हैं जो समाज को दीमक की तरह चाट रहे हैं. इस मामले में 6 लोगों ने आत्महत्या कर ली. पढ़ें पूरी खबर

Nawada Family Suicide Case
Nawada Family Suicide Case

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Published : Nov 10, 2022, 5:12 PM IST

नवादा: बिहार के नवादा जिले में कर्ज के चलते खुदकुशी(Nawada Family Suicide Case) करने वाले परिवार के मुखिया केदार लाल गुप्ता ने मार्मिक सुसाइड नोट लिखा (Suicide Note Of Nawada Family) है. दो पन्नों के लिखे सुसाइड नोट में कर्ज देने वाले छह लोगों के नाम का जिक्र करते हुए केदार लाल गुप्ता ने उन्हें समाज का दीमक बताया है. उन्होंने कहा है कि ऐसे लोग पूरे देश को दीमक की तरह चाट कर बर्बाद कर रहे हैं. इस मामले में पुलिस ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है. सुसाइड नोट में जिसके भी नाम है उनको गिरफ्तार करने की कवाजय शुरू है. पुलिस ने टुनटुन सिंह और रंजीत सिंह को पूछताछ के लिए उठा लिया है.

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कर्ज से परेशान परिवार ने खाया जहर: बता दें कि यह घटना नवादा जिले के न्यू एरिया गढ़ मुहल्ले की है. केदार लाल गुप्ता अपने परिवार के साथ रहते थे. घर के मुखिया केदार लाल गुप्ता ने महाजन से कर्ज ले रखा था और उन पर कर्ज लौटाने का दबाव था. पूरा परिवार परेशान था. इसी वजह से पूरे परिवार ने एक साथ जहर खा लिया. जहर खाने की वजह से केदार लाल गुप्ता, उनकी पत्नी, बेटी गुड़िया, शबनम और बेटे प्रिंस की मौत हो गई. 18 साल की साक्षी की इलाज के दौरान मौत हो गई.

मौत के एक दिन पहले लिखा सुसाइड नोट: घटना के एक दिन पहले केदार ने आत्महत्या करने से पहले सुसाइड नोट लिखा. दो पन्नों के इस सुसाइड नोट में उन्होंने समाज के दीमकों का जिक्र किया. उन्होने लिखा कि कुछ लोगों से कर्ज ले रखा था. महाजन लगातार परेशान कर रहे थे. शहर के न्यू एरिया के रहने वाले मनीष सिह, विकास सिंह, विजय, टुनटुन सिंह, डॉ पंकज सिन्हा और गढ़ मोहल्ला के रणजीत सिंह से कर्ज लिया था. कर्ज का दोगुना और तीनगुना ब्याज चुकता करने के बाद भी कर्ज खत्म होने का नाम नहीं ले रहा था. महाजन कर्ज के लिए परेशान करते थे. कर्ज चुकाने के लिए मोहलत भी मांग रहे थे लेकिन सूदखोर उनकी नहीं सुन रहे थे.

''ये स्थिति पिछले 5-6 सालों से थी. लगातार 6 साल से उनका परिवार प्रताड़ित था. ब्याज नहीं देने की स्थिति में गाली गलौज करते थे. विवश होकर यह गलत कदम उठाना पड़ रहा है. कर्ज देने वाले समजा का कीड़ा हैं जो समाज को बर्बाद कर रहे हैं. कर्ज देने वाले ऐसे दीमकों पर अंकुश लगाने की जरूरत है.''- केदार का सुसाइड नोट

गाली-गलौच और धमकी से परेशान था पूरा परिवार:स्थानीय लोगों के मुताबिक गुप्ता परिवार कर्ज से परेशान था. आए दिन कर्ज वसूली के लिए उनसे गाली-गलौच और धमकी दी जा रही थी. जिससे तंग आकर परिवार के सदस्यों ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली. घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने इन सभी को सदर अस्पताल में भर्ती कराया. जहर खाने वालों में केदार लाल गुप्ता, उनकी पत्नी अनिता देवी, 20 वर्षीय बेटी गुड़िया कुमारी, 18 वर्षीय साक्षी कुमारी, 17 वर्षीय बेटा प्रिंस कुमार, 19 वर्षीय शबनम कुमारी शामिल हैं. सभी ने अस्पताल में दम तोड़ दिया.

'मनीष भैया पापा से रोज पैसे मांगते थे' : केदार लाल की बेटी साक्षी जो जहर खाने के बाद बच गई थी और सदर अस्पताल में भर्ती थी. तंग करने वाले शख्स के रूप में किसी मनीष का नाम लिया. उसने बताया था कि मेरे पापा ने कुछ लोगों से पैसा कर्जा लिया था. तीन चार लोग रोज-रोज पैसा मांगते थे. इससे पापा परेशान थे. मनीष भैया पापा से रोज एक हजार रुपया लेते थे. हमलोग कम खाना खाते पीते थे. फिर भी उनको पैसा देते थे. पापा का एक महीने से दुकान बंद था. फिर भी पैसा मांग रहे थे. मनीष भैया बोले थे पैसा नहीं दोगे तो कल देखना क्या होगा. इसलिए हमलोगों ने जहर खा लिया.

"पापा पैसा कर्ज लिये थे. तीन-चार आदमी पापा को रोज तंग करते थे. पापा का दुकान तीन-चार महीने से बंद था. कल सब लोग आ गया था और पापा से बोला पैसा नहीं दोगे तो देखना कल क्या करेंगे. मनीष भैया पापा को तंग करते थे. इसलिए हमलोगों ने मिलकर जहर खा लिया."- साक्षी, मौत से पहले का बयान

"टाउन थाना क्षेत्र के एक परिवार के छह लोगों ने जहर खा लिया है. इसमें से 5 लोगों की मृत्यु हो गई. एक बच्ची गंभीर हालत में इलाजरत है. सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है. कर्ज में यह लोग डूबे हुए थे. इसको लेकर इन लोगों ने ऐसा कदम उठाया है. फिलहाल पुलिस आगे की अनुसंधान में जुट गई है."- डॉ. गौरव मंगला, नवादा एसपी


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