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अब नॉर्मल लाइफ जी सकेगी 4 हाथ 4 पैर वाली चौमुखी, सोनू सूद बने मसीहा

अभिनेता सोनू सूद की मदद से नवादा की एक दिव्यांग बच्ची (Child with 4 Hand 4 Leg in Nawada) का सफल इलाज हो गया है. अब वो भी एक समान्य बच्चे की तरह जीवन जीने ले लिए तैयार है. सर्जरी से पहले चौमुखी कुमारी से सोनू ने मुलाकात कर जल्द ही उसके जीवन में नई खुशियां आने की बात कही थी. पढ़ें पूरी खबर...

दिव्यांग बच्ची चहुंमुखी और सोनू सूद
दिव्यांग बच्ची चहुंमुखी और सोनू सूद

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Published : Jun 9, 2022, 11:55 AM IST

Updated : Jun 9, 2022, 9:33 PM IST

नवादा: बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद (Famous Actor Sonu Sood) बिहार की जिसदिव्यांग बच्चीचौमुखीकुमारीके इलाज के लिए आगे आए थे, सूरत में उसकी सफल (Nawada child Chahumukhi surgery successful) सर्जरी हो गई है. अब वो सुखी जीवन जी सकेगी. हालांकि कुछ दिनों के लिए बच्ची को अभी अस्‍पताल में ही रहना होगा. इसके बाद वह एक नॉर्मल बच्‍चे की तरह अस्‍पताल से बाहर आएगी.

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सोनू सूद ने उठाया पूरा खर्चाः चौमुखी कुमारी की सर्जरी का पूरा खर्चा सोनू सूद ने खुद उठाया है. उनके इस मानवीय कार्य की हर तरफ तारीफ हो रही है. नवादा के वारिसलीगंज के हेमदा गांव के बसंत पासवान की बेटी को जन्म से ही चार हाथ और 4 पैर थे. गरीबी की वजह से बसंत अपनी बेटी का सही तरीके से इलाज नहीं करवा पा रहे थे. चौमुखी की इस स्थिति की कहानी सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी, जिसके बाद सोनू सूद ने इनकी मदद की.

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सोनू सूद से ऐसे मिली मदद: एक दिन चौमुखी के पिता नवादा डीएम से मदद की गुहार लगाने पहुंचे. इसी दौरान किसी ने चौमुखी का वीडियो बना लिया और वायरल कर दिया. सोनू सूद को जब सोशल मीडिया से इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने चौमुखी की जिंदगी बदलने की ठानी. परिवार के लिए सोनू सूद ने मुंबई का टिकट भेजा. मुंबई पहुंचने पर सोनू सूद ने बच्ची से मुलाकात की और फिर उसे इलाज के लिए सूरत भेजा. सूरत में एक्‍सपर्ट डॉक्टरों की एक टीम ने चौमुखी का मेडिकल चेकअप किया था. इसके बाद अस्पताल के डॉक्टर मिथुन और उनकी टीम ने लगभग 7 घंटे में चहुंमुखी की सफल सर्जरी की.

पिता इलाज करवाने में सक्षम नहीं : इससे पहले जब चौमुखी के पिता उसका इलाज करवाने के लिए अस्पताल जाते थे, तो डॉक्टर भी उसे देख हैरान हो जाते थे. डॉक्टरों को समझ नहीं आता था कि करें तो करें क्या? धरती के भगवान ने भी इस मासूस का इलाज करने से मना कर दिया था. थक-हारकर बसंत घर बैठ गए थे. माली तौर पर बच्ची के माता-पिता काफी कमजोर हैं. पिता मजदूरी कर परिवार का पेट भरते हैं. उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वे अपनी बच्ची का महंगे अस्पताल में इलाज करवा सकें.

परिवार में चार सदस्य हैं दिव्यांग : बसंत के परिवार में पांच सदस्य हैं, जिसमें चार दिव्यांग हैं. बसंत पासवान, पत्नी उषा देवी, गोद में रही बच्ची चौमुखी के अलावा 11 साल का बेटा भी दिव्यांग है. इस दंपती को कुल तीन बच्चे हैंं. एक पुत्र और दो पुत्री. दोनों स्वयं दिव्यांग हैं, दो बच्चे भी दिव्यांग हैं. देखना ये है कि इस खबर के सामने आने के बाद प्रशासनिक अमला इस दिव्यांग फैमिली के लिए क्या कुछ करता है. फिलहाल इस परिवार की एक बच्ची के जीवन में तो सोनू सूद ने खुशियां भर दी हैं.

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Last Updated : Jun 9, 2022, 9:33 PM IST

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