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जर्मन लड़की को भा गए 'बिहार के लाला'.. स्वीडन में हुई मोहब्बत, नवादा में आकर की शादी

सात समंदर पार जर्मनी से आयी लारिसा बेल्ज ने नवादा के सत्येंद्र से शादी की है. स्पेशल वीजा लेकर जर्मनी से दुल्हनिया आयी. यहां हिंदू रीति रिवाज से शादी हुई. उन्होंने बताया कि 2019 से दोनों में प्यार है. पढ़ें रिपोर्ट..

नवादा में शादी
नवादा में शादी

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Published : Mar 7, 2022, 9:38 PM IST

नवादाः प्यार ना जाति देखता है, ना मजहब और ना ही सरहद. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि बिहार में ऐसी ही एक प्रेम कहानी लोगों की जुबां पर है. इस कहानी में लड़का तो बिहार का है लेकिन लड़की सात समंदर पार की है. 2019 में नवादा के सत्येंद्र कुमार का दिल जर्मनी की लारिसा बेल्ज (Larissa Belz Of Germany) पर आ गया. दोनों ने एक दूसरे को पसंद करना शुरू कर दिया था. दोनों साथ में स्वीडन में शोध करते थे. अब जर्मनी की लारिसा बेल्ज बिहार आकर सत्येंद्र से शादी कर चुकी (German Woman Married Young Man from Bihar) हैं.

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स्वीडन में साथ में करते थे शोध : जर्मनी की लड़की ने बिहारी लड़के से शादी की है. लारिसा बेल्ज ने अपने बिहारी प्रेमी सत्येंद्र कुमार के साथ हिंदू रीति रिवाज के साथ शादी की है. सत्येंद्र नवादा जिले के नरहट प्रखंड के बेरोटा के निवासी हैं. जबकि उनकी पत्नी बनी लारिसा जर्मन हैं. दोनों स्वीडन में साथ-साथ शोध करते थे. जर्मनी की लारिसा को न तो हिंदी आती है और ना ही वह रीति रिवाज जानती हैं. लेकिन जब विवाह समारोह शुरू हुआ तो उसने वह सारी रस्में निभाई, जो एक हिंदू कन्या करती है. हल्दी का उबटन लगाया, पानी ग्रहण से लेकर वर पूजन तक सब रस्में हुई. सिंदूरदान के बाद लारिसा बेल्ज सुहागन बन गई.

पति बनते हैं ट्रांसलेटरः लारिसा अपनी शादी के लिए स्पेशल वीजा लेकर इंडिया आई है. उनके माता-पिता को वीजा नहीं मिल पाया, इसके चलते वह शादी में शरीक नहीं हो पाए. जबकि सत्येंद्र की पूरी फैमिली और गांव वाले इस शादी के गवाह बने. राजगीर स्थित एक होटल में शादी की सारी रस्में अदा की गई. लारिसा ने बताया कि हम 2019 से प्यार में हैं. तीन साल बाद इंडिया आकर यहीं शादी करने का प्लान बनाया था. उन्होंने बताया कि वो यहां की लाइफ एन्जॉय करने आई हैं. यहां के लोग बहुत अच्छे हैं. यहां के कल्चर और मेरे कल्चर में बहुत अंतर है. लेकिन प्यार बड़ी चीज है में अच्छे से भाषा नहीं समझ सकती बस कुछ हो शब्द समझ पाती हूं लेकिन मेरे हस्बैंड ट्रांसलेट करके समझाने की कोशिश करते हैं.

कोरोना के कारण हुई शादी में देरीः जर्मन महिला से शादी रचाने वाले सत्येंद्र ने बताया कि वे कैंसर पर शोध करने के लिए स्वीडन गए थे. हम वहां स्किन कैंसर पर शोध कर रहे थे. जबकि लारिसा बेंज प्रोस्टेट कैंसर पर रिसर्च कर रही थी, इसी दौरान 2019 में दोनों करीब आए. दोनों के बीच बातें शुरू हुई और फिर प्यार हो गया. प्यार परवान चढ़ा तो दोनों ने शादी करने का मन बनाया. बीच में कोरोना काल के चलते शादी में थोड़ी देरी हुई, जब हालत सामान्य हुए तो दोनों ने शादी की है.

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