नवादाःपूर्व सीएमजीतन राम मांझी ने बजट सत्र से तेजस्वी यादव को बाहर रहने का कारण दुःख और फ्रस्टेशन बताया है. हालांकि, वो तेजस्वी को अनुभवहीन कहने वाले बयान से पलटी मार गये और अपने बयान को स्पष्ट करते हुए कहा कि अगर मैं और लालू जी रहते तो सदन में जाते और सत्तापक्ष का डटकर मुकाबला करते. वे दशरथ मांझी की 15वें पुण्यतिथि के अवसर पर नवादा पहुंचे थे.
तेजस्वी पर फिर बोले मांझी- हार का दुख और फ्रस्टेशन के कारण बजट सत्र से रहे दूर - nawada news
जीतन राम मांझी ने कहा कि अपने 40 वर्ष के राजनीतिक जीवन में हमने कभी नहीं देखा कि बजट सत्र से नेता प्रतिपक्ष बाहर हो. लेकिन वो बाहर रहे, चाहे दुःख से हो, चाहे तकलीफ से या फिर फ्रस्टेशन के चलते रहे.
'तेजस्वी एक भी सीट नहीं जीत पाए'
मांझी ने कहा है कि मैं और लालू जी ने अपने जीवन में बहुत उतार-चढ़ाव देखे हैं. हमलोग न कभी जीत पर इतराए हैं और न ही हार पर रोए हैं. जब लोकसभा चुनाव में दो सौ से अधिक रैलियां करने के बाद तेजस्वी एक भी सीट नहीं जीत पाए, तो सारी जबावदेही उन पर आ गई. लेकिन उनका सदन में बजट सत्र में आना संवैधानिक इतिहास के लिए एक ऐसा अध्याय है जिसे भुलाया नहीं जा सकता.
उन्होंने कहा कि अपने 40 वर्ष के राजनीतिक जीवन में हमने कभी नहीं देखा कि बजट सत्र से नेता प्रतिपक्ष बाहर हो. लेकिन वो बाहर रहे, चाहे दुःख से हो, चाहे तकलीफ से या फिर फ्रस्टेशन के चलते रहे. मांझी ने कहा कि तेजस्वी ने अपने अनुभव की कमी के कारण ऐसा किया.
अनुभवहीन हैं तेजस्वी- मांझी
बात दें कि पिछले दिनों जीतन राम मांझी ने मीडिया से बात करते हुए तेजस्वी यादव को महागठबंधन के सीएम का चेहरा मानने से इनकार कर दिया था. उनका कहना था कि महागठबंधन का सीएम चेहरा कौन होगा, यह सभी दल एक साथ बैठकर निर्णय लेंगे. मांझी इससे पहले तेजस्वी यादव को अनुभवहीन भी कह चुके हैं. अब तो कांग्रेस नेता सदानंद सिंह ने भी तेजस्वी को महागठबंधन का नेता मानने से इनकार कर दिया है.